ललित मोदी: IPL की तीन टीमों में हिस्सेदार, ईमेल के जरिए प्रीती जिंटा से भी की थी सौदेबाजी

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By - haribhoomi.com |17 Sept 2015 6:30 PM
ईमेल को ऑस्ट्रेलिया के एक वकील ने ललित मोदी के भाई
नई दिल्ली. IPL के विवादास्पद जनक ललित मोदी मामले से जुड़ा एक खास इमेल सामने आया है। यह ईमेल ऑस्ट्रेलिया से ललित के भाई समीर मोदी को भेजा गया। जानकारी के मुताबिक ईमेल को भेजने वाला व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया का एक वकील है इसका जिसका नाम अटार्नी बताया जा रहा है। इस ईमेल में तीन आईपीएल टीमों में ललित के फायदेमंद हितों का जिक्र किया गया है। वकील ने न्यास के बैनामे से जुड़ा एक मसौदा साथ में भेजा है। ईमेल में यह तथ्य सामने आए हैं कि मोदी, प्रीति जिंटा और टीम के अन्य हिस्सेदारों के बीच कारोबारी संपर्क था।

गौरतलब है कि 22 नवंबर 2014 को ललित मोदी ने एक हिस्सेदार संजीवन साहनी को लिखा: लेन-देन के लिए तैयार रहें, कृपया मोहित से बातचीत करिए। यह मेल 21 नवंबर 2014 को प्रीति जिंटा की ओर से भेजे गए एक मेल के जवाब में भेजा गया था। प्रीति के मेल में संभावित सौदेबाजी का जिक्र था। इसके आखिर में लिखा था- हाय ललित, एफवाइआइ। पड़ताल से पता चलता है कि जिंटा का मेल मोहित बर्मन, गौरव बर्मन, कपिल खन्ना और नेस वाडिया को भी भेजा गया था।

ईमेल में प्रीति जिंटा ने लिखा:-
यह मेल मेरी अपनी बात है और अगले हफ्ते इस सौदे की बाबत आगे बढ़ने के लिए निर्णायक कागजी काम कर लेंगे। जिंटा ने आगे कहा कि इस शख्स की बीसीसीआइ में अहमियत है और यह पंजाबी है। आपका क्या खयाल है। और इस बात को अपने तक ही रखिएगा। जब तक हमारी और बीसीसीआइ की ओर से इस सौदेबाजी पर मुहर नहीं लग जाती, किसी को इसकी भनक नहीं लगनी चाहिए। बात आगे बढ़ सके, इसके लिए वह पैसे को ‘निलंबसंपत्ति’ के तौर पर रखने को तैयार है, इसलिए कोशिश हो कि मामले को जल्द निपटाया जाए।
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वहीं इस बाबत किंग्स एलेवन पंजाब के प्रवक्ता का कहना है कि यह ईमेल ‘किसी पेशकश को लेकर आम पड़ताल थी।’ प्रवक्ता ने इस बात से भी इनकार किया टीम में मोदी की कोई हिस्सेदारी या हित था। उसने माना कि मोहित बर्मन, नेस वाडिया, प्रीति जिंटा, करण पाल ही टीम के साझीदार हैं।

प्रीति के प्रवक्ता ने बताया ललित मोदी को किंग्स एलेवन पंजाब के हिस्सेदार के तौर पर इसलिए माना जाता है कि जब उन्होंने 2008 में आइपीएल को स्थापित किया था, किंग्स एलेवन पंजाब आबंटित टीमों में से थी। इस बारे में उसकी जानकारी के मुताबिक टीम के हिस्सेदारों ने, दिलचस्पी दिखाने वाली पार्टी की पेशकश की एक सामान्य पड़ताल की थी। इसमें इससे ज्यादा कुछ नहीं है।

बयान में आगे कहा गया कि किंग्स एलेवन पंजाब को इस बात पर हैरत है कि आपकी खबर और ईमेल, कुछ निजी ईमेल लीक होने के आधार पर हैं। इसमें उठाए गए सवाल बिना संदर्भ के समझे गए ईमेलों पर आधारित हैं। 19 मई को अटार्नी डीन किनो के ईमेल में ‘करार’ के बिंदु-5 को उठाया गया था। इसमें कहा गया कि आइपीएल की तीन टीमों में ललित मोदी की ओर से लिए जा रहे फायदों में इन लोगों के संयुक्त हित होंगे।

यह भी कहा गया कि ललित और समीर अधिग्रहीत केके ट्रस्ट की संपत्तियों का साझा तौर पर मालिकाना हक नहीं लेंगे। इसकी जगह वे ट्रस्ट की संपत्तियों के अलग-अलग हिस्सेदार होंगे। जैसे ही समीर को अधिग्रहीत ट्रस्ट से हिस्सा मिल जाएगा, आइपीएल टीमों में उसका हित वापस ललित मोदी को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। इस बारे में संपर्क करने पर कीनो ने ईमेल की बात मानी और कहा कि ललित मोदी के गहरे क्रिकेट हित के संदर्भ तथ्यों के बजाय अनुमानित कार्य पर आधारित थे।
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