संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द हटाने की मांग, शिवसेना सांसद बोले- हिन्दू राष्ट्र घोषित हो भारत

संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द हटाने की मांग, शिवसेना सांसद बोले- हिन्दू राष्ट्र घोषित हो भारत
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कल सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञापन के मुद्दे पर राजनीतिक दलों में कटुतापूर्ण वाकयुद्ध शुरू हो गया।

मुम्बई.गणतंत्र दिवस पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विज्ञापन पर उठे विवाद के बीच शिवसेना ने बुधवार को संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को ‘स्थायी तौर पर हटाने’ की मांग की। बुद्धवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञापन के मुद्दे पर राजनीतिक दलों में कटुतापूर्ण वाकयुद्ध शुरू हो गया।

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इस विज्ञापन में संविधान की प्रस्तावना के चित्र पेश किए गए थे जो 42वें संशोधन से पहले के थे और जिसमें ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द नहीं था। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, हम गणतंत्र दिवस से जुड़े विज्ञापन से शब्दों (धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी) हटाने का स्वागत करते हैं। यह अनजाने में किया गया होगा, यह भारत के लोगों की भावना का सम्मान करने जैसा है। अगर इन शब्दों को इस बार गलती से हटाया गया है, तब इन शब्दों को संविधान से स्थायी तौर पर हटाया जाए। उन्होंने कहा, जब से इन्हें संविधान में शामिल किया गया, यह कहा जा रहा है कि यह देश कभी धर्मनिरपेक्ष नहीं हो सकता।
गौरतलब है कि बाला साहब ठाकरे और उनसे पहले वीर सावरकर ने भी कहा था कि भारत को धर्म के आधार पर बांटा गया। पाकिस्तान मुसलमानों के लिए बनाया गया और जो बचा वह हिन्दू राष्ट्र है।
नीचे की स्लाइड्स में पढिए, सरकारी विज्ञापन से 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द गायब-
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