अदालतों में पेंडिग केसों पर CJI का बयान, बोले- पांच साल में खत्म होंगे सभी मामले

नई दिल्ली. भारतीय अदालतों में तीन करोड़ से ज्यादा मामले लंबित हैं। इस कारण न्यायपालिका की कार्यक्षमता पर भी फर्क पड़ता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने रविवार को कहा कि अब किसी भी मामले की सुनवाई 5 साल से ज्यादा नहीं चलेगी।
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चौबीस अदालतों के मुख्य न्यायाधीशों और मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के बाद न्यायमूर्ति दत्तू ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने फैसला लिया है कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पांच साल के बाद कोई मामला लंबित न रहे। पुराने मुकदमों के लिए पांच साल अधिकतम सीमा है। उसके बाद नहीं। हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।'
दत्तू से पूछा गया था कि लंबित मुकदमों के मामले में क्या कदम उठाए जा रहे हैं, क्योंकि कुछ मामले करीब 20 साल से लंबित हैं। इस पर उन्होंने स्पष्ट किया कि पांच वर्ष की समय सीमा का अर्थ है कि सुनवाई इस बीच समाप्त हो जानी चाहिए। लेकिन उच्च न्यायालयों में अपील में कुछ और वक्त लग सकता है। सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 'मेरे न्यायाधीश अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं कि अदालत में कोई मामला दो वर्ष से ज्यादा ना रुके। हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं, हम सभी प्रभावी कदम उठा रहे हैं।'
जस्टिस दत्तू ने कहा कि न्यायपालिका में रिक्तियां इन लंबित मामलों से निपटने की राह में सबसे बड़ी रुकावट है। उन्होंने कहा, 'हमारी अपनी समस्याएं हैं।' उन्होंने कहा कि देश की जनसंख्या के मुकाबले न्यायाधीशों की संख्या बहुत कम है। उन्होंने इस बात का मजाक उड़ाया की न्यायाधीश साल में सिर्फ 190 दिन काम करते हैं।
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