नक्सली शहरी नेटवर्किंग का मामला, पूर्व भाजपा नेता समेत 13 को 7-7 साल कैद

रायपुर. नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के डेढ़ साल पुराने मामले में गुरुवार को रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने 13 लोगों को दोषी करार दिया है। स्पेशल जज अब्दुल जाहिद कुरैशी ने छत्तीसगढ़ जनसुरक्षा अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत सात-सात साल की सजा सुनाई है।
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सजा पाने वालों में दो आरोपी अपने क्षेत्र के भाजपा नेता रहे हैं। इसके कारण कोर्ट में काफी गहमा-गहमी का माहौल रहा। सजा मिलने के बाद आरोपी पक्ष की महिला अधिवक्ता मीडियाकर्मियों से भिड़ गई और काफी हंगामा किया। पहले पकड़े गए तीन आरोपी चैतराम दरे, मोहपाल उर्फ संतोष ध्रुव एवं बलीराम उसेंडी से पूछताछ में नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का खुलासा हुआ था। आगे पड़ताल में पता चला था कि व्यवसायी व भाजपा नेता धर्मेंद्र चोपड़ा नक्सलियों के लिए राजधानी रायपुर में सामान की खरीदी करता था।
मामले में पुलिस ने मोहपाल ध्रुवा, बलीराम उसेंडी, चैतराम ध्रुव, सुकनाथ, फूलसिंह, नीरज चोपड़ा, धर्मेंद्र चोपड़ा, ब्रदी गावड़े, मोहन सिंह ध्रुवा, राजकुमार मंडावी एवं लक्ष्मण उसेंडी के खिलाफ जनसुरक्षा अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत जुर्म दर्ज किया। नीरज चोपड़ा भी भाजपा से जुड़ा हुआ था। पुलिस जांच में पता चला था कि ये सभी नक्सलियों को जरूरत का सामान पहुंचाते थे।
सभी आरोपियों को कोर्ट ने विभिन्न धाराओं के तहत दोषी माना और सात-सात कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई। सजा में मोहपाल ध्रुवा उर्फ संतोष, बलीराम उसेंडी, चैतराम, सुकनाथ, फूल सिंह, नीरज चोपड़ा, धर्मेंद्र चोपड़ा, रवि कड़ियाम, ब्रदी गावड़े, मोहन सिंह ध्रुवा, राजकुमार मंडावी, दशरथ मंडावी, लक्ष्मण उसेंडी को छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम की धारा-8(1) और धारा-8(2) के तहत तीन-तीन साल कठोर करावास, एक-एक हजार रुपए जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर तीन-तीन माह अतिरिक्त, छविजसु अधिनियम की धारा-8(2) के तहत दो-दो साल कठोर करावास, एक-एक हजार रुपए जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर तीन-तीन माह अतिरिक्त, छविजसु अधिनियम की धारा-8(5) पांच-पांच वर्ष कठोर कारवास तीन-तीन हजार रुपए जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर 6 माह का अतिक्ति कारावास, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप(निवारण) की धारा 18, 39 व 40(1)(ख) के तहत 7-7 वर्ष की कठोर कारावास एवं तीन हजार रुपए का जुर्माना नहीं चुकाने पर 6-6 महीने का अतिरिक्त करावास की सजा हुई।
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आरोपी मोहपाल ध्रुवा को उर्फ संतोष बलीराम उसेंडी, चैतराम, राजकुमार मंडावी, दशरथ मंडावी लक्ष्मण मंडावी के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा-4 के तहत 7-7 वर्ष कठोर करावास एवं तीन-तीन हजार रुपए जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर छह-छह माह का अतिरिक्त, इसी अधिनियम की धारा-5 के तहत 5-5 वर्ष का कठोर कारवास, तीन-तीन हजार रुपए का जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर 6-6 महीने की अतिरिक्त सजा, आयुध अधिनियम 1959 की धारा 25 के तहत तीन-तीन वर्ष कठोर कारवास, एक-एक हजार रुपए जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
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सुकनाथ नरेटी एवं मोहन सिंह ध्रुवा को विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा-4 के तहत 7-7 वर्ष कठोर करावास एवं तीन-तीन हजार रुपए का जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर छह-छह वर्ष, इसी अधिनियम की धारा-5 के तहत 5-5 वर्ष कठोर कारवास, तीन-तीन हजार रुपए का जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर 6-6 महीने की अतिरिक्त सजा हुई है। आरोपी फूलसिंह उर्फ रवि कडियाम आयुध अधिनियम 1959 की धारा 25 के तहत तीन-तीन वर्ष कठोर कारावास, एक-एक हजार रुपए जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
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