नक्सली दहशत से 10 वर्ष में बनी 215 के बदले सिर्फ 132 किमी सड़क, मांगने पर दी जाती है सुरक्षा

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By - haribhoomi.com |21 Sept 2014 6:30 PM
मियाद समाप्त होने के कारण शेष 73 किमी सड़क के निर्माण का जिम्मा अब राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है।
जगदलपुर. देश की सरहद पर बेहद खतरनाक परिस्थितियों के बीच सड़क बनाने में निपुण बार्डर रोड आर्गनाईजेशन (बीआरओ) ने नक्सलियों के उत्पात के आगे हार मान ली है। बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में उसे 10 साल के भीतर 215 किलोमीटर सड़क का निर्माण करना था, किंतु समय सीमा में बीआरओ ने महज 132 किमी सड़क बनाकर रवानगी डाल दी है। मियाद समाप्त होने के कारण शेष 73 किमी सड़क के निर्माण का जिम्मा अब राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है।
इस दौरान नक्सलियों ने कार्य में बाधा उत्पन्न करने के लिए लगभग 50 से अधिक टिप्पर एवं मिक्सर मशीनों को जलाकर बीआरओ को करोड़ों का चूना लगाया है। वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से हैदराबाद की ई-स्टोन प्राईवेट लिमिटेड द्वारा मार्ग निर्माण कार्य शुरू किया गया है, बारिश के कारण कार्य अधर में है। इसके चलते बीजापुर सड़क दलदल हो गया है। उल्लेखनीय है कि बस्तर में लगातार बढ़ रही नक्सलियों की हिंसक गतिविधियों के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 था परंतु वर्तमान में परिवर्तित कर क्रमांक 63 कर दिया गया है का निर्माण नहीं हो पा रहा था।
इसके चलते केन्द्र सरकार ने इस राष्ट्रीय राजमार्ग में 215 किमी सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी बीआरओ को दी थी, जिसकी समय सीमा 10 वर्ष थी। बीआरओ ने जगदलपुर से गीदम, बीजापुर, मद्देड़ व भोपालपटनम मार्ग पर वर्ष 2001 में सड़क निर्माण कार्य शुरु किया। बीआरओ ने 10 वर्ष में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 में 132 किमी सड़क का निर्माण किया। बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक केएल ध्रुव ने चर्चा करते हुए कहा कि विभाग एवं ठेकेदार को निर्माण कार्य के लिए सुरक्षा दी जाती है।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, सड़क निर्माण पर क्या कहना है प्रशासन का-
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