सीबीएसई ने पेश की ‘सारांश’ प्रणाली, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की कवायद

सीबीएसई ने पेश की ‘सारांश’ प्रणाली, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की कवायद
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सभी प्रदर्शन संख्या के साथ चार्ट, ग्राफ के जरिये पेश किए जाते हैं ताकि इसे आसानी से समझा जा सके।

नई दिल्ली. सीबीएसई के एक अधिकारी ने कहा, ‘सारांश’ स्कूलों को सशक्त बनाने की एक ऐसी प्रणाली है जिससे वे छात्रों, शिक्षकों, विषयों के साथ स्कूलों की व्यवस्था को बेहतर बनाने से जुड़े सभी आयामों की परख करके जरूरी कदम उठाने में मदद करेगा।’ उन्होंने कहा कि जैसा कि सारांश शब्द से ही स्पष्ट होता है कि यह प्रणाली स्कूलों को सम्पूर्ण खाका और समग्र विश्लेषण पेश करती है ताकि उसके आधार पर बेहतरी की दिशा में पहल करने के संबंध में निर्णय किया जा सके।

सारांश के तहत नौवीं एवं दसवीं कक्षा के लिए सतत समग्र मूल्यांकन (सीसीई) तथा नौंवी, दसवीं एवं बारहवीं कक्षा के लिए पीएसए (प्राब्लम साल्विंग एसेसमेंट) उपलब्ध है। यह वर्ष 2007 से 10वीं कक्षा और 2009 से चालू शैक्षणिक सत्र तक 12वीं कक्षा की सम्पूर्ण तस्वीर पेश करता है।
इसके माध्यम से स्कूली (स्कोलिस्टिक) और सह स्कूली (को-स्कोलिस्टिक) क्षेत्रों में स्कूल के प्रदर्शन का सम्पूर्ण विश्लेषण प्राप्त करने में मदद मिलती है और यह स्कूल के प्रत्येक छात्र के स्तर पर उपलब्ध होती है। सभी प्रदर्शन संख्या के साथ चार्ट, ग्राफ के जरिये पेश किए जाते हैं ताकि इसे आसानी से समझा जा सके।
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