UGC ने शुरू किया ''एंटी रैगिंग मोबाइल एप''

UGC ने शुरू किया एंटी रैगिंग मोबाइल एप
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एप शिकायतों को दर्ज कराने की प्रक्रिया को आसान करेगा और इसके जरिए पीड़ित छात्रों को मदद मिलेगी।

कॉलेजों में रैगिंग को लेकर मिल रही शिकायतों से निपटने के लिए मानव संसाधन मंत्रालय ने यूजीसी एप की शुरुआत की है। यह एप शिकायतों को दर्ज कराने की प्रक्रिया को आसान करेगा और इसके जरिए पीड़ित छात्रों को मदद मिलेगी।

यूजीसी ने इसे तैयार किया है, जिसका नाम 'एंटी रैगिंग मोबाइल एप' है।मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस मोबाइल एप्लीकेशन से छात्रों को रैगिंग की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।

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एप की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि बहुत से कॉलेज में रैगिंग को लेकर मामले सामने आते रहे हैं जिन्हें हम समय-समय पर निपटाते भी रहे हैं। लेकिन ऐसी शिकायतों को पूरी तरह से खत्म करने की जरूरत है।

छात्रों का बनेगा सहारा

प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि रैगिंग नए छात्रों को दी जाने वाली मानसिक और शारीरिक यातना है। जिसको कभी मंजूर नहीं किया जाता है। इसकी कोई अनुमति नहीं दी जा सकती, इसलिए यह एप इस तरह के अनुभव से गुजरने वाले युवाओं के लिए एक कारगर माध्यम के रूप में कार्य करेगा।

ऐसे छात्रों का एक सहारा बनेगा। यह एप एंड्रॉयड सिस्टम पर काम करेगा, जहां ऐसे पीड़ित छात्रों को अपनी शिकायत दर्ज करवाने के साथ ही उसका निपटारा भी तुरंत ही मिलेगा।

पहले लेना पड़ता था वेबसाइट का सहारा

इससे पहले ब्रेकिंग की शिकायत दर्ज कराने के लिए वेबसाइट का सहारा लेना पड़ता था। मगर इस एप से ऐसे मामलों में कमी आएगी। प्रकाश जावड़ेकर ने इस मौके पर कहा कि जो भी छात्र रैगिंग के मामले में शामिल होंगे,

उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें संस्थान में पढ़ाई जारी रखने का अनुमति नहीं होगी। साथ ही कानून के मुताबिक भी उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करके उन्हें सजा दी जाएगी। जावड़ेकर ने सीनियर छात्रों से रैगिंग की बजाए अपने जूनियर छात्रों का मार्गदर्शन करने की अपली भी की है।

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