यूजी के कोर्सों में बदलाव पर मंथन, बंद लिफाफे में उच्च शिक्षा विभाग को भेजी रिपोर्ट

प्रदेश के सभी कॉलेजों में यूजी के संकायों में एकरूपता रहे इसके लिए पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय में तीन दिनों तक केंद्रीय अध्ययन मंडल ने विषय विशेषज्ञों के साथ मंथन किया।
अब मंथन में जो बातें सामने आईं हैं उसकी एक रिपोर्ट बनाकर उच्च शिक्षा विभाग को भेजी जा रही है। उस रिपोर्ट के आधार पर अगर किसी संकाय में किसी तरह से बदलाव की जरूरत महसूस की जाएगी तो उसका प्रस्ताव बनाकर राज्यपाल से इसका अनुमोदन लेकर इसको सभी कॉलेजों में लागू किया जाएगा।
प्रदेश में नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पहले एक बार फिर से इस बात को लेकर मंथन किया गया है कि प्रदेश के अलग-अलग विश्वविद्यालय द्वारा संचालित यूजी के कोर्स में कहीं कोई विसंगति तो नहीं है।
आमतौर पर प्रदेश के जितने भी विश्वविद्यालय हैं उसमें यूजी के ज्यादातर कोर्स में समानता है। लेकिन इसके बाद भी केंद्रीय अध्ययन मंडल तीन साल में एक बार बैठक करके इसको लेकर मंथन करता है और यह देखा जाता है कि समय के हिसाब से किसी कोर्स में बदलाव की जरूरत तो नहीं है।
अगर किसी कोर्स में बदलाव की जरूरत महसूस की जाती है तो इसके लिए विषय विशेषज्ञों के सुझावों पर रिपोर्ट बनाकर उच्च शिक्षा को भेजी जाती है। इसके बाद विभाग प्रस्ताव बनाकर इसका अनुमोदन राज्यपाल से कराके बदलाव को लागू करता है।
इन संकायों पर हुआ मंथन
केंद्रीय अध्ययन मंडल की बैठक हमेशा की तरह इस बार भी रविवि में तीन दिनों तक हुई। इस बैठक में हर विषय से जुड़े विभिन्न मंडलों के विषय विशेषज्ञों ने चर्चा की गई। चर्चा में भाषा विज्ञान, दर्शन शास्त्र, फार्मेसी, भूविज्ञान, रसायन शास्त्र, गणित, भौतिक विज्ञान, समाज शास्त्र, अर्थ शास्त्र, राजनीति शास्त्र, इतिहास, भूगोल, इलेक्ट्रानिक, मानव विज्ञान, जैविकी, विधि, सांख्यिकी, गृह विज्ञान, वाणिज्य, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, प्राणी विज्ञान, वनस्पति विज्ञान के संकायों को लेकर देखा गया कि इनमें सभी विवि के कॉलेजों में एक तरह से पढ़ाई हो रही है या नहीं।
कहीं ऐसा तो नहीं कि एक विवि में कुछ और दूसरे में कुछ और चल रहा है। इसी के साथ यह भी देखा गया कि किसी विषय में किसी तरह का बदलाव तो नहीं करना है।
विशेषज्ञों की चर्चा के बाद निकले सार की सारी बातों को अब अध्ययन मंडल सील बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट बनाकर उच्च शिक्षा विभाग को भेजेगा।
बदलाव अगले सत्र से ही संभव
अध्ययन मंडल की रिपोर्ट के बाद उच्च शिक्षा विभाग अगर किसी संकाय में कोई बदलाव करने का प्रस्ताव तैयार करेगा तो उसके अगले सत्र से ही लागू होने की संभावना जानकार व्यक्त कर रहे हैं।
जानकारों का कहना है कि अभी तो एक जुलाई से नया सत्र प्रारंभ हो रहा है। ज्यादातर कॉलेजों में प्रथम वर्ष में प्रवेश भी एक जून से प्रारंभ हो गया है। अचानक से किसी भी संकाय में बदलाव अभी संभव नहीं होगा।
अभी तो रिपोर्ट भी उच्च शिक्षा विभाग तक नहीं पहुंची है। रिपोर्ट पहुंचने के बाद विभाग पहले इसका अध्ययन करेगा, इसके बाद ही कोई फैसला होगा।
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