आया मौसम परीक्षाओं का: अच्छे अंक पाने के लिए स्टूडेंट ऐसे करें परीक्षा की तैयारी

आया मौसम परीक्षाओं का: अच्छे अंक पाने के लिए स्टूडेंट ऐसे करें परीक्षा की तैयारी
X
अपना सर्वश्रेष्ट देने के लिए हर स्टूडेंट परीक्षा की तैयारी जमकर करते हैं। परीक्षा की तैयारी के दौरान अक्सर सुनने में आता है कि कुछ अभ्यर्थी एग्जाम स्ट्रेस के शिकार हो जाते हैं।

अपना सर्वश्रेष्ट देने के लिए हर स्टूडेंट परीक्षा की तैयारी जमकर करते हैं। परीक्षा की तैयारी के दौरान अक्सर सुनने में आता है कि कुछ अभ्यर्थी एग्जाम स्ट्रेस के शिकार हो जाते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि योग्य होते हुए भी वह बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं हो पाते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार यदि एग्जाम स्ट्रेस से खुद को दूर रखना है और परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं तो पहले से एक योजना बनानी होगी और उस योजना के अनुरूप खुद को ढालना होगा। यदि इस तरह की रणनीति अपनाते हुए को कोई भी कार्य करते हैं तो सफलता मिलने के चांस बढ़ सकते हैं।

विद्यार्थी साल भर परीक्षा की तैयारी करते हैं और परीक्षा का समय आने पर तनाव उन्हें आकर घेर लेता है। ऐसे में यदि विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है या फिर तनाव से ज्यादा ग्रस्त हो जाते हैं, तो स्थिति बहुत चिंतनीय हो जाती है। इस कारण विद्यार्थी जीवन में शिक्षा के दौरान विद्यार्थियों को तनाव मुक्त रहना अति आवश्यक है।

यह भी पढ़ेंः शिक्षा विभाग का फैसला, एक ही दिन होगी प्री बोर्ड और प्रैक्टिकल परीक्षाएं

अनेक बार देखा जाता है कि इच्छा के अनुरूप परीक्षा परिणाम नहीं आने पर बच्चे आत्महत्या तक कर लेते हैं और अनेक बार पढाई में अच्छे होने पर भी बच्चे केवल इस कारण बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते, क्योंकि वह उस वक्त तनाव में होते हैं। यह बात बहुत गंभीर एवं संवेदनशील मुद्दा है।

वर्तमान के समय में परीक्षा सिर पर है। विद्यार्थियों को तनाव से दूर होने के लिए अपने माता-पिता एवं शिक्षकों का सहारा अवश्य लेना चाहिए। यदि बच्चे माता-पिता का सहारा नहीं मिल रहै हैं तो उन्हें अखबारों या इंटरनेट के माध्यम से एक्सपर्ट से बात करके अपनी समस्याओं का हल अवश्य निकाल लेना चाहिए।

शुरू से रखें पढ़ाई पर ध्यान

कई छात्र बोर्ड परीक्षा की तैयारी पहले से शुरू कर देते हैं, तो कई ऐसे भी होते हैं जिनकी तैयारी तब शुरू होती है, जब परीक्षाएं शुरू होने वाली होती हैं। ऐसे में छात्रों में तनाव आम बात है। अगर शुरू से ही हर विषय की समय से तैयारी की जाए तो इस तनाव से बचा जा सकता है।

हर विषय को पूरा समय दें, ताकि परीक्षा नजदीक आते-आते आपकी तैयारी पूरी हो। तभी तनाव कम होगा। हर दिन पढ़ाई के लिए समय तय करें और निर्धारित समय पर ही पढ़ाई करें।

कई छात्रोंं को रात में पढ़ना पसंद होता है तो कई छात्रों को सुबह पढ़ना अच्छा लगता है। आप अपनी सुविधा से समय तय कर सकते हैं। चाहें तो टाईम-टेबल बना लें।

भरोसा बनाए रखना है जरूरी

जब भी बोर्ड की परीक्षाएं होती हैं, तब छात्र या तो परीक्षा के डर से या खराब नतीजों के डर से आत्महत्या जैसे कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटते। अगर आप अपने आत्मबल को मजबूत रखेंगे तो परीक्षा का डर जाता रहेगा।

अपने अंदर की ताकत पर भरोसा रखकर परीक्षा की तैयारी करें ताकि आप ठीक से पढ़ाई कर सकें और ठंडे दिमाग से परीक्षा दे सकें। जिस तरह परीक्षा के दिनों में पढ़ाई जरूरी है, उसी तरह दिमाग को थोड़ा रिलैक्स देने के लिए मनोरंजन भी जरूरी है। पढ़ाई करते-करते जब थक जाएं तो आप थोड़ी देर खेल-कूद के लिए समय निकाल लें। चाहें तो थोड़ी देर पार्क में टहल आएं, कोई आउटडोर गेम्स खेल लें।

अगर घर के बाहर जाने का मन नहीं तो कोई कामेड़ी फिल्म देख सकते हैं या गेम्स खेल सकते हैं। खेल के लिए थोड़ा समय निकालें। परीक्षा के तनाव को कम करने के लिए यह जरूरी है। लगातार पढ़ाई बोझ की तरह लगने लगती है। इसलिए थोड़ा समय खेलकूद और मनोरंजन को भी दें ताकि पढ़ाई करने में दिल लगे।

यह भी पढ़ेंः सोशल वर्क में कॅरियर, ऐसे बनाएं समाज सेवा के साथ सुनहरा भविष्य

माता पिता का सहयोग है जरूरी

परीक्षा के दिनों में अक्सर माता-पिता छात्रों को नसीहत देते हैं और अच्छा नंबर लाने के लिए दबाव डालते हैं। जो माता-पिता हर समय पढ़ो-पढ़ो की रट लगाए रहते हैं, उन्हें इन दिनों अपने बच्चे का तनाव कम करने में मदद करनी चाहिए, न कि जरूरत से ज्यादा उम्मीद पालकर उनके तनाव को बढ़ाना चाहिए।

माता-पिता अगर बच्चों पर विश्वास जताएंगे और उनका सही मार्गदर्शन करेंगे, तो छात्र तनाव से निजात पाकर परीक्षा दे पाएंगे।

लक्ष्य ले जाएगा मंजिल तक

परीक्षा के लिए लक्ष्य तय करना जरूरी है। अपनी क्षमता देखकर ही अपना लक्ष्य तय करें। वरना बाद में निराशा होगी। अगर आप 9वीं कक्षा तक 65 प्रतिशत अंक लेकर पास होते रहे हैं तो अपना लक्ष्य भी 65 से 75 प्रतिशत अंकों का ही रखें। 85 या 90 प्रतिशत अंकों का लक्ष्य रखने से आप भटक जाएंगे।

ध्यान रहे, लगातार कई घंटों तक पढ़कर कोई बच्चा अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर सकता। किताबी कीड़ा बनने की जरूरत नहीं। पढ़ाई के साथ थोड़ा समय बाकी कामों के लिए भी निकालें।

यह भी पढ़ेंः टॉपर्स सजेशन: जानिए एम्स पी.जी में एडमिशन की पूरी प्रक्रिया

शरीर का रखें विशेष ख्याल

सुबह की सैर के साथ-साथ थोड़ा बहुत व्यायाम व खेलकूद भी जरूरी है। इससे शरीर को नई चुस्ती-फुर्ती मिलती है, जो कि शारीरिक व मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। मनोरंजन हमारे जीवन का जरूरी हिस्सा है।

परीक्षा के दिनों में मनोरंजन का समय घटा दें, लेकिन खुद को मनोरंजन की दुनिया से पूरी तरह अलग न करें। थोड़ा समय निकालकर हल्का-फुल्का संगीत, हल्की-फुल्की कॉमेडी फिल्म या धारावाहिक अवश्य देखें।

न लें अनावश्यक तनाव

अगर माता-पिता ने आपके सामने बहुत कठिन लक्ष्य रख दिया है, आपको लगता है कि आप उसे हासिल नहीं कर पाएंगे, तो उनसे स्पष्ट शब्दों में कहें कि आप कोशिश करेंगे, लेकिन आपकी क्षमता से यह लक्ष्य बड़ा है।

अगर वे फिर भी उसे बार-बार आप पर थोपते हैं तो इसे नाक का प्रश्न न बनाएं। धैर्यपूर्वक उतना करें, जितना आप कर सकते हैं। अनावश्यक तनाव न पालें। अगर आप तनाव में हैं या फिर आपको किसी तरह की घबराहट या बेचैनी हो रही है तो जल्दी ही घर के किसी सदस्य को या फिर करीबी मित्र को बताएं।

अगर आपको लगता है कि आपकी बात कोई नहीं सुनेगा तो किसी हेल्पलाईन पर फोन करें, वे आपका मार्गदर्शन करेंगे। परीक्षा के दिनों में बच्चों के लिए विशेष हेल्पलाईन शुरू की जाती हैं। इनकी जानकारी सभी अखबारों में मिल जाती है।

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story