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CBSE 9वीं और 11वीं के सभी छात्रों के खुलेंगे डिजिलॉकर खाते, cbse.nic.in से डाउनलोड रजिस्टेशन कार्ड

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा सभी 9वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों के डिजिलॉकर खाते खोले जाएंगे।

CBSE  9वीं और 11वीं के सभी छात्रों के खुलेंगे डिजीलॉकर खाते, cbse.nic.in से डाउनलोड रजिस्टेशन कार्ड
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सीबीएसई

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अपने संबद्ध स्कूलों से सभी कक्षा 9वीं और 11वीं छात्रों के लिए डिजिलॉकर (DigiLocker) खाते खोलने और सुरक्षित डिजिटल डिपॉजिटरी में अपना रजिस्ट्रेशन कार्ड डालने का फैसला लिया है। अब तक सीबीएसई 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए डिजिलॉकर की सुविधा थी और सीबीएसई छात्रों के खातों में केवल 10वीं और 12वीं बोर्ड की मार्कशीट जमा की गई थी। सीबीएसई 9वीं और 11वीं के लिए एक रजिस्ट्रेशन कार्ड में छात्र के बारे में महत्वपूर्ण विवरण होते हैं जैसे कि पूरा नाम, चुने गए विषय, जन्म तिथि आदि, जो उसके बाद बोर्ड परीक्षा के लिए अगले वर्ष उपयोग किया जाता है।

यह रजिस्ट्रेशन कार्ड सीबीएसई को बोर्ड परीक्षा के लिए अग्रिम रूप से अच्छी तरह से तैयार करने में मदद करता है क्योंकि उनके पास संभावित छात्रों की संख्या पर एक स्पष्ट विचार है, जिसके लिए उन विषयों और उनके विवरणों को महत्वपूर्ण मार्कशीट में मुद्रित करने की आवश्यकता होती है। कक्षा 9वीं और 11वीं में ही बना रजिस्ट्रेशन कार्ड, छात्रों को नाम की वर्तनी या जन्म तिथि जैसी त्रुटियों को पहचानने में मदद करता है। इसके माध्यम से बोर्ड पर्याप्त समय रहते आवश्यक परिवर्तन कर सकता है ताकि मार्कशीट में कोई गलती न हो।


सीबीएसई स्कूलों के लिए रजिस्ट्रेशन कार्ड सीबीएसई की ऑफिशियल वेबसाइट cbse.nic.in पर जाकर 5 फरवरी से डाउनलोड होने लगेंगे। इस पर माता-पिता और छात्रों दोनों को हस्ताक्षर करने होंगे। यह कार्ड ये सत्यापित करेगा कि कार्ड में दी गई सभी जानकारियां सही और यदि कोई गतली है तो स्कूल को उसमें सुधार करना होगा।





15 मई तक सीबीएसई सभी छात्रों के लिए डिजिलॉकर खाते खोलेगा और उनके रिजस्ट्रेशन कार्ड ऑनलाइन अपलोड करेगा। डिजिलॉकर डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) की एक प्रमुख पहल है। डिजीलॉकर का उद्देश्य नागरिक के डिजिटल दस्तावेज़ वॉलेट को प्रामाणिक डिजिटल दस्तावेज़ों तक पहुँच प्रदान करके नागरिक के 'डिजिटल सशक्तिकरण' का उद्देश्य है। डिजीलॉकर प्रणाली में जारी किए गए दस्तावेजों को सूचना प्रौद्योगिकी के नियम 9 ए के अनुसार मूल भौतिक दस्तावेजों के बराबर माना जाता है।

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