12वीं के CG स्टेट टॉपर के पास इंजीनियरिंग करने के लिए नहीं हैं पैसे, जानिए अब क्या करेगा शिव कुमार

इंजीनियर बनने का सपने पूरा करने शिव ने कड़ी मेहनत की। हजारों छात्रों को मात देकर 12वीं की परीक्षा में टॉप कर लिया, लेकिन आर्थिक उलझनों की बेड़ियों ने उसके पैरों को ऐसा जकड़ा कि अब वही सपना टूटने जा रहा है।
12वीं परीक्षा में 98.40 फीसदी अंक लेकर उत्तीर्ण होने वाले शिवकुमार पांडेय का परिवार इतना सक्षम नहीं कि उसे लाखों रुपए खर्च कर इंजीनियरिंग करा सके। पेशे से एलआईसी एजेंट पिता मनकामना पांडेय पर तीन बच्चों के पालन पोषण और शिक्षा का जिम्मा है। ऐसे में सिर्फ एक बच्चे को पढ़ाने के लिए लाखों रुपए खर्च नहीं कर सकते। इसीलिए टॉप करने के बावजूद किसी कॉलेज से बीएससी कराने की तैयारी कर रहे हैं।
हरिभूमि से बातचीत में टॉपर शिवकुमार के पिता का दर्द छलक उठा। उन्होंने कहा, मेरी भी इच्छा है कि प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त करने के बाद मेरा पुत्र इंजीनियरिंग की पढ़ाई करे।
मैं भी उसका सपना पूरा होते देखना चाहता हूं, लेकिन मेरी इतनी हैसियत नहीं कि मैं उसे लाखों रुपए फीस देकर किसी इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिल करा सकूं। टॉप करने के बाद शिवकुमार को लोगों की ढेरों बधाईयां मिलीं।
शासन से जुड़े लोगों ने भी उसकी जमकर सराहना की, लेकिन उच्चशिक्षा के लिए कहीं से मदद की पहल नहीं की गई। इसीलिए वर्तमान स्थिति में उसे रायपुर या भिलाई के ही किसी कॉलेज में बीएससी कराने का ही विकल्प बचा है।
संघर्ष ऐसा कि घर तक नहीं बना सके
शिवकुमार के पिता बताते हैं कि बच्चों की परवरिश और उनकी शिक्षा में सामान्य खर्च के साथ सेविंग्स भी खत्म होती चली गई। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते गए, उनकी पढ़ाई पर खर्च भी बढ़ने लगा। इस वजह से हमारा परिवार पिछले 22 सालों से किराए के मकान में रह रहा है, लेकिन खुद का मकान नहीं बना सके।
ऐसी स्थिति में एक बच्चे को इंजीनियरिंग कराना बेहद मुश्किल है। इसीलिए मन मारकर शिवकुमार को टॉप करने के बावजूद बीएससी कराने का निर्णय लिया है।
पीईटी में आए थे 4 हजार रैंक
अभी वर्तमान में शिव भिलाई के कल्याण कॉलेज से बीएससी करने के लिए वहां गया हुआ है। उसका एडमिशन उसी कॉलेज में करा पाएंगे। शिव ने पीईटी दिलाई, जिसमें उसके लगभग 4000 रैंक आए थे। इतने रैंक के साथ सरकारी कॉलेज मिलना मुश्किल है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा टॉप-10 में स्थान बनाने वाले छात्रों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है, लेकिन यह राशि अंतिम मेरिट सूची के बाद ही प्रदान की जाती है। ऐसे में इस राशि से भी प्रवेश में मदद की संभावना नहीं है। शिव ने सिमगा के वंदना पब्लिक स्कूल से 12वीं की पढ़ाई की थी और स्टेट में फर्स्ट आया है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
Tags
- होम
- क्रिकेट
- ई-पेपर
- वेब स्टोरीज
- मेन्यू
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS