जानिए, कॉमर्स के बच्चे किसमें बना सकते हैं अपना करियर, जानिए कैसे ?

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By - haribhoomi.com |24 Jun 2015 6:30 PM
कॉमर्स आज के दौर में बेहद डिमांडिंग फील्ड बन गया है।
नई दिल्ली. कॉमर्स आज के दौर में बेहद डिमांडिंग फील्ड बन गया है। उदारीकरण के दौर में देश में निजी कंपनियों के विस्तार और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन से सीए, आइसीडब्ल्यूए, सीएस, कंप्यूटर एकाउंटेंसी के एक्सपर्टस की मांग लगातार बढ़ रही है। कॉमर्स एक ऐसा फील्ड है, जिसमें आपका करियर ग्राफ तेजी से बढ़ता है। वैसे तो ज्यादातर कॉमर्स के स्टूडेंट्स ही एकाउंटिंग के क्षेत्र में जाना चाहते हैं, लेकिन दूसरे स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए भी इसके रास्ते खुले हुए हैं।
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चार्टर्ड एकाउंटेंट
चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की डिमांड दिनों दिन बढ़ रही है। यहां तक कि छोटी कंपनीज और बिजनेसमैन को भी आर्थिक मसलों के प्रबंधन के लिए सीए की जरूरत होती है। कंपनी अधिनियम के अनुसार इंडिया में किसी कंपनी में ऑडिङ के लिए सिर्फ सीए को ही हायर किया जा सकता है।
एलिजिबिलिटी
सीए प्रोग्राम करने के लिए स्टूडेंट्स को बारहवीं या उसके समकक्ष एग्जाम पास होना चाहिए। ऑडिटिंग, कॉमर्शियल लॉ, एकाउंटेंसी के साथ कॉमर्स में ग्रेजुएशन करने वाले भी इसे कर सकते हैं। आर्टस और साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स भी सीए कोर्स कर सकते हैं।
स्कोप
एक सीए प्राइवेट प्रैक्टिस करने के साथ ही कंपनीज की फाइनेंशियल एकाउंटिंग या टैक्सेशन डिपार्टमेंट में काम कर सकता है। वह कॉरपोरेट फाइनेंस, मैनेजमेंट कंसल्टेंसी के अलावा बैंक, ऑडिटिंग फर्मस, लीगल फर्मस आदि में अपनी सेवाएं दे सकता है। इंडियन चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की विदेशों में भी अच्छी मांग है। खासकर पश्चिम एशिया के देशों, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में। इंडिया में भी कंपनीज में सीए की हायरिंग बढ़ी है।
कंपनी सेक्रेटरी
कॉमर्स स्ट्रीम वालों के लिए कंपनी सेक्रेटरी एक लुक्रेटिव करियर ऑप्शन हो गया है। एक सीएस, लॉ एक्सपर्ट के साथ-साथ कॉरपोरेट लॉ और कंपनी बोड्र्स में अलग-अलग भूमिकाएं निभा सकता है। जो यंगस्टर्स लॉ में पैशन रखते हैं, वे इस कोर्स के बाद इंडिया के टॉप लॉ फर्मस में काम कर सकते हैं। विदेशों में इन्हें चार्टर्ड सेक्रेटरी, लीगल सेक्रेटरी के तौर पर काम करने का अवसर मिलता है।
एलिजिबिलिटी
सीएस करने के लिए कैंडिडेट को साइंस या कॉमर्स स्ट्रीम से बारहवीं या ग्रेजुएशन करना होगा। फिलहाल इसके लिए किसी तरह का एंट्रेंस एग्जाम नहीं देना होता है।
स्कोप
एक सीएस इंडिया के अलावा यूके, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, कनाडा, मलेशिया, दुबई, न्यूजीलैंड आदि देशों में अपना करियर शुरू कर सकता है। 10 करोड़ रुपये के पेड-अप कैपिटल वाली किसी भी लिस्टेड या पब्लिक कंपनी में सीएस को रखना अनिवार्य है।
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