सिब्बल: सरकार का पक्ष है कि पिछले अधिनियम में ही... ... कपिल सिब्बल और तुषार मेहता में जोरदार बहस; SC बोला-बिना बड़ी वजह के दखल नहीं दे सकते, कल भी होगी सुनवाई

सिब्बल: सरकार का पक्ष है कि पिछले अधिनियम में ही पंजीयन जरूरी है। जिनका पंजीकरण नहीं है, उन्हें वक्फ नहीं माना जाएगा। जबकि, कई सम्पत्तियां 100, 200 और 500 साल पुरानी हैं।

CJI: क्या पंजीकरण की कोई आवश्यकता है?

सिब्बल: पंजीकरण की व्यवस्था थी, लेकिन अनिवार्य नहीं थी।

CJI: आपको A, B, C, D से शुरू करना होगा। मैं नहीं पढ़ूंगा। क्या पंजीकरण अनिवार्य था?

सिब्बल: 'करेगा' का इस्तेमाल किया गया था।

CJI: केवल इसलिए कि इसमें 'करेगा' का इस्तेमाल किया गया है। अनिवार्य नहीं है, जब तक कि परिणाम प्रदान न किए जाएं सिब्बल: परिणाम नहीं था वक्फ की प्रकृति बदल जाएगी कि इसे वक्फ नहीं माना जाएगा। 

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