वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में तंबाकू-पान मसाला पर पेश किए दो बिल

Parliament winter session 2025 live updates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए, जिनका मकसद जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस (Compensation Cess) खत्म होने के बाद भी सिगरेट, तंबाकू और पान मसाला जैसे हानिकारक उत्पादों पर ऊंची कर दरें बनाए रखना है।
पहला बिल: केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025
इस विधेयक के जरिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 में संशोधन किया जाएगा। इसका उद्देश्य क्षतिपूर्ति सेस खत्म होने के बाद भी सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क (Excise Duty) के माध्यम से राजस्व जुटाना जारी रखना है।मुख्य प्रस्ताव:सिगार/चुरूट/सिगरेट पर प्रति 1,000 स्टिक ₹5,000 से ₹11,000 तक उत्पाद शुल्क
कच्चे तंबाकू पर 60–70% ऐड-वेलोरम दर
निकोटीन युक्त उत्पादों और सूंघने वाले तंबाकू पर 100% उत्पाद शुल्क
दूसरा बिल: स्वास्थ्य सुरक्षा एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सेस विधेयक, 2025
इस नए विधेयक में उन उत्पादों पर विशेष सेस लगाने का प्रावधान है जिन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया है। फिलहाल पान मसाला इस सेस के दायरे में मुख्य रूप से आएगा।
क्षतिपूर्ति सेस खत्म होने के बाद कर बोझ कैसे रहेगा?
वर्तमान में इन उत्पादों पर 28% जीएसटी + क्षतिपूर्ति सेस लगता है। सेस खत्म होने के बाद भी कुल कर बोझ लगभग वैसा ही रहेगा।
सिगरेट और तंबाकू उत्पाद: 28% GST + उच्च दर उत्पाद शुल्क (कुल मिलाकर करीब 40% या उससे अधिक प्रभावी दर)
पान मसाला: 28% GST + नया स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सेस (कुल कर बोझ लगभग 40% या उससे ज्यादा)
सरकार का तर्क है कि इन हानिकारक उत्पादों की खपत को हतोत्साहित करने और राजस्व संग्रह दोनों ही जरूरी हैं। दोनों विधेयक अब सदन में चर्चा और पारित होने की प्रक्रिया से गुजरेंगे।
