बच्चों के साथ क्रूरता के मामले को अनदेखा नहीं कर सकते: हाईकोर्ट

पड़ोसियों द्वारा नाबालिग बच्चे को प्रताड़ित करने के एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपियों को राहत देने से इंकार कर दिया। साथ ही आरोपियों की ओर से गोविंदपुरी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी। बता दें कि नाबालिग की मां ने जून 2023 में पड़ोसियों पर बच्चे को पीटने और उसे करंट देने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। आरोप था कि बच्चे के साथ पड़ोसी अमित और उसकी पत्नी ने शारीरिक दुर्व्यवहार किया है। हालांकि बाद में आरोपियों ने पीड़ित पक्ष से समझौता कर लिया और इसी के आधार पर क्रूरता के आरोप में हुई एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका लगाई थी।

कोर्ट ने इस पर कहा कि इस मामले में एफआईआर रद्द करने से गलत और खतरनाक मिसाल कायम हो सकती है। बच्चे को पहुंचे मानसिक आघात को अनदेखा नहीं किया जा सकता। बेंच ने यह भी कहा कि भले ही दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया था, लेकिन शिकायतकर्ता ने कोर्ट के सामने आने पर आरोपियों से समझौता करने से इनकार कर दिया था।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story