bitcoin falling: बिटकॉइन में तेज गिरावट, $90000 का सपोर्ट टूटा, क्रिप्टो मार्केट से 130 अरब डॉलर साफ

Why is bitcoin falling Prices
bitcoin falling: क्रिप्टो बाजार में एक बार फिर तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बिटकॉइन की कीमत 15 दिसंबर को सुबह के वक्त $89,608 पर पहुंच गई, जो पिछले 24 घंटों में 0.62 फीसदी की गिरावट है। इस गिरावट के चलते कुल क्रिप्टो मार्केट कैप से करीब 130 अरब डॉलर साफ हो गए और अब यह घटकर $2.98 ट्रिलियन पर आ गया है।
दिन की शुरुआत में बिटकॉइन $87,996 तक फिसल गया था जबकि ऊपरी स्तर पर यह $89,923 के आसपास पहुंच सका। यानी $90,000 का अहम स्तर फिलहाल टिक नहीं पाया। बाजार में इस कमजोरी का असर सिर्फ बिटकॉइन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बाकी बड़े टोकन भी दबाव में नजर आए।
डेल्टा एक्सचेंज की रिसर्च एनालिस्ट रिया सहगल के मुताबिक, बीते 24 घंटों में करीब 1.16 लाख ट्रेडर्स का पोजिशन लिक्विडेट हुआ, जिससे कुल नुकसान $295 मिलियन से ज्यादा रहा। उन्होंने कहा कि यह हाई लेवरेज और कमजोर निवेशक भावना को दिखाता है। फिलहाल बिटकॉइन $87500 से $91000 के दायरे में कंसोलिडेट कर रहा लेकिन रुझान कमजोर बना हुआ है। वहीं एथेरियम $2900 से $3180 के बीच घूम रहा, जो अपने ऑल-टाइम हाई से करीब 37.5 फीसदी नीचे है।
अन्य क्रिप्टो टोकन्स की बात करें तो पिछले 24 घंटों में ईटीएच में 0.23 फीसदी की हल्की बढ़त रही, जबकि एडीए 0.73 फीसदी गिरा। SOL में 0.21 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, BNB 0.50 फीसदी नीचे रहा।
बिटकॉइन क्यों दबाव में है?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिटकॉइन का $90000 के स्तर को बनाए न रख पाना बैंक ऑफ जापान की संभावित सख्त मौद्रिक नीति से जुड़ा है। ऐतिहासिक तौर पर देखा जाए तो बैंक ऑफ जापान की नीतियों में सख्ती से ग्लोबल लिक्विडिटी कम होती है और रिस्क एसेट्स पर दबाव बढ़ता है। उन्होंने बताया कि 2024 के बाद बीओजे की हर रेट हाइक के साथ बिटकॉइन में 20 से 30 फीसदी तक की गिरावट देखी गई। इसी डर के चलते ट्रेडर्स फिलहाल रक्षात्मक रुख अपना रहे। बीते 24 घंटों में मार्केट 1.01 फीसदी गिरा है जबकि महीने भर में अब तक 4.83 फीसदी की गिरावट आ चुकी।
क्रिप्टो मार्केट की बड़ी तस्वीर
वजीरएक्स के फाउंडर निश्चल शेट्टी के मुताबिक, ग्लोबल बाजार इस वक्त दो ध्रुवों के बीच फंसा हुआ है। पश्चिमी देशों में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से लिक्विडिटी का सपोर्ट मिल रहा है। ब्रिटेन के ट्रेजरी द्वारा क्रिप्टो रेगुलेशन की घोषणा ने भी थोड़ी सकारात्मकता जोड़ी है। लेकिन एशियाई बाजारों में हालात अलग हैं। यहां निवेशक रिस्क एसेट्स से दूरी बना रहे हैं और क्रिप्टो भी इक्विटी मार्केट की तरह दबाव में है।
(प्रियंका कुमारी)
