Emergency Fund: इमरजेंसी फंड कहां रखें- सेविंग अकाउंट, बैंक FD या पोस्ट ऑफिस? जानिए सबसे सही विकल्प क्या

इमरजेंसी फंड कहां रखें, क्या है बेहतर विकल्प?
Emergency Fund: जब जिंदगी अचानक झटका देती है, कोई इमरजेंसी स्थिति बनती है तो आपात फंड काम आता है। ये ऐसा पैसा है जो हर हाल में तुरंत मिलना चाहिए। इसलिए इसे ऐसी जगह रखना जरूरी है, जहां न रिस्क हो और न देरी। सवाल है कि सेविंग अकाउंट, बैंक एफडी या पोस्ट ऑफिस, कौन बेहतर है?
सेविंग अकाउंट आपकी पहली सुरक्षा दीवार है। यूपीआई, कार्ड, एटीएम या नेटबैंकिंग से मिनटों में पैसा निकाला जा सकता। ब्याज दरें भले कम हों (आमतौर पर 3-4%) लेकिन लिक्विडिटी यानी तुरंत पहुंच इसका सबसे बड़ा फायदा है। ध्यान रहे कि मिनिमम बैलेंस की शर्तें पूरी करें और स्वीप-इन फैसिलिटी का इस्तेमाल करें ताकि अतिरिक्त रकम ऑटोमैटिक शॉर्ट-टर्म डिपॉजिट में चली जाए और ब्याज भी मिले।
आपके इमरजेंसी फंड का पहला हिस्सा, यानी पहले 24 घंटे का पैसा, यहीं रहना चाहिए।
बैंक एफडी: भरोसेमंद रिटर्न और सुरक्षा
फिक्स्ड डिपॉजिट इमरजेंसी फंड का स्थिर और सुरक्षित हिस्सा है। 7 दिन से 1 साल तक की शॉर्ट-टर्म एफडी में पैसा रखें। एफडी तोड़ने पर थोड़ा ब्याज घट सकता या पेनल्टी लग सकती लेकिन पैसा उसी दिन या अगले दिन अकाउंट में मिल जाता है। हर बैंक में 5 लाख तक की जमा राशि DICGC द्वारा बीमित होती है। अगर आप स्थिर ब्याज और सुरक्षा चाहते हैं, तो फंड का दूसरा हिस्सा यहां रखें।
पोस्ट ऑफिस: सरकारी गारंटी और स्थिर ब्याज
पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट या स्कीम पूरी तरह सरकारी सुरक्षा के तहत आते हैं। यहां ब्याज स्थिर और तय होता है। हालांकि, ट्रांजैक्शन ज्यादातर शाखा समय के दौरान ही संभव हैं इसलिए यह 24×7 एक्सेस नहीं देता। छोटे निवेशक या ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के लिए यह बेहद भरोसेमंद विकल्प है कि खासकर उस फंड के लिए जिसे आज चाहिए, अभी नहीं।
सही बैलेंस कैसे बनाएं
एक व्यावहारिक तरीका है फंड को तीन हिस्सों में बांटना। पहला हिस्सा वो जो तुरंत जरूरत वाला, इसे सेविंग अकाउंट में रखें। दूसरा हिस्सा (2-30 दिन की जरूरत), शॉर्ट टर्म बैंक एफडी में रखें। तीसरा हिस्सा वो जो धीरे-धीरे इस्तेमाल में आ सकता है- पोस्ट ऑफिस अकाउंट में रखें।इस तरह आपको सुरक्षा, ब्याज और एक्सेस, तीनों का संतुलन मिलेगा।
(प्रियंका कुमारी)
