AI Bubble: बूम या बस्ट? अमेरिका में 'एआई बबल' के फटने का भारतीय बाजार पर क्या असर हो सकता?

AI Bubble Burst
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एनवीडिया के दमदार Q3 नतीजों ने AI बबल को लेकर बढ़ी घबराहट को कुछ समय के लिए शांत किया।

AI Bubble: एनवीडिया के दमदार तीसरे क्वार्टर रिजल्ट ने एआई बबल को लेकर बढ़ी घबराहट को कुछ समय के लिए शांत किया। कंपनी की मजबूत गाइडेंस से संकेत मिला कि एआई चिप्स की मांग फिलहाल कमजोर नहीं पड़ेगी।

AI Bubble: एनवीडिया के दमदार तीसरे क्वार्टर रिजल्ट ने पिछले कुछ हफ्तों से टेक स्टॉक्स में जारी बिकवाली के बीच मार्केट को थोड़ी राहत दी। AI चिप दिग्गज कंपनी ने 57 अरब डॉलर का राजस्व और 1.30 डॉलर का EPS दर्ज कर डबल बीट किया है। हालांकि कंपनी का मार्केट कैप इस साल 5 ट्रिलियन डॉलर छू चुका है लेकिन फिलहाल यह करीब 4.3 ट्रिलियन डॉलर पर है।

साल की शुरुआत से अब तक 38% चढ़े एनवीडिया के शेयर अक्टूबर के अंत में रिकॉर्ड हाई छूने के बाद 10 फीसदी गिर चुके हैं लेकिन क्वार्टर-3 नतीजों ने निवेशकों को संकेत दिया है कि मांग अभी भी मजबूत है, भले ही वैल्यूएशन को लेकर चिंता कायम है।

ग्लोबल AI स्टॉक्स पर एनवीडिया का असर

पिछले एक महीने में एनवीडिया के शेयर 5 फीसदी टूटे हैं। वजह, एआई बबल का डर। वॉल स्ट्रीट में आशंका है कि एआई कंपनियों के शेयरों के भाव उनकी असली कमाई से ज्यादा तेजी से बढ़ रहे।

एनवीडिया की खासियत यह है कि इसका S&P 500 इंडेक्स में 8% से ज्यादा वजन है और यह मेटा, एल्फाबेट, ऐपल जैसी मेग्निफिसेंट सेवेन कंपनियों के मूवमेंट को भी दिशा देता है। इसलिए अगर एआई बबल फूटता है, तो अमेरिका से लेकर भारत तक बाजारों पर इसका असर दिख सकता है।

एनवीडिया नतीजों ने क्यों बढ़ाया भरोसा?

एनालिस्ट्स के मुताबिक एनवीडिया की सबसे सकारात्मक बात इसका अगली तिमाही के लिए 65 अरब डॉलर का रेवेन्यू गाइडेंस है। यह दिखाता है कि कंपनी को एआई चिप्स की मांग में तेज गिरावट की उम्मीद नहीं।

3 साल में एनवीडिया के शेयर 1200 फीसदी उछल चुके हैं। वीटी मार्केटस के रॉस मैक्सवेल के मुताबिक, 'एआई वैल्यूएशन को लेकर बाजार में जो डर फैला था, इन नतीजों ने उसे काफी हद तक शांत किया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर आगे की तिमाहियों में ग्रोथ स्लो हुई, तो निवेशक तेजी से निराश भी हो सकते हैं।

क्या भारत पर पड़ेगा असर?

जियोजीत इंवेस्टमेंट के डॉक्टर वीके विजयकुमार के मुताबिक, अमेरिका में AI स्टॉक्स के वैल्यूएशन बेहद ऊंचे हैं। भारत में इस ट्रेड का असर सीमित है। अगर AI ट्रेंड ठंडा पड़ा तो पैसा भारत जैसे उभरते बाजारों में आ सकता है लेकिन अगर एक बड़ा क्रैश हुआ, तो झटका सभी बाजारों को लगेगा। भारत AI बबल फटने से काफी हद तक इंसुलेटेड है। असर केवल सेंटिमेंटल होगा, मूल रूप से कम नुकसान की संभावना है।

(प्रियंका कुमारी)

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