बेरोजगारी में राहत: नवंबर में दर 8 महीने के निचले 4.7% के स्तर पर, दो वजहों से सुधरे हालात

ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर घटकर 3.9 प्रतिशत पर पहुंच गई।
Unemployment News: देश के लेबर मार्केट से नवंबर में अच्छी खबर आई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत की बेरोजगारी दर घटकर 4.7% पर आ गई, जो पिछले 8 महीनों का सबसे निचला स्तर है। अक्टूबर में यह दर 5.2 फीसदी थी। रोजगार के मोर्चे पर यह सुधार मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में बेहतर काम के अवसर और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के चलते देखने को मिला।
गिरावट सिर्फ किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रही। ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर घटकर 3.9 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो अप्रैल के बाद का सबसे कम स्तर है। वहीं शहरी बेरोजगारी भी घटकर 6.5 फीसदी रही, जो इस साल पहले दर्ज किए गए न्यूनतम स्तर के बराबर है। इससे साफ है कि शहर और गांव, दोनों जगहों पर रोजगार की स्थिति में सुधार हुआ है।
लेबर फोर्स में लोगों की भागीदारी बढ़ी
नौकरियों के बेहतर हालात के साथ-साथ लेबर फोर्स में लोगों की भागीदारी भी बढ़ी है। 15 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट नवंबर में बढ़कर 55.8 प्रतिशत पर पहुंच गया। यह अप्रैल के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। इस बढ़त में सबसे बड़ा योगदान ग्रामीण इलाकों का रहा, जहां काम की तलाश और रोजगार दोनों में मजबूती दिखी। हालांकि, शहरी LFPR फिसलकर 50.4 प्रतिशत पर आ गया, जो पिछले पांच महीनों का निचला स्तर है।
महिलाएं बनीं सुधार की सबसे बड़ी वजह
रोजगार के आंकड़ों में सबसे अहम बदलाव महिलाओं की भागीदारी को लेकर रहा। नवंबर में महिला एलएफपीआर बढ़कर 35.1 प्रतिशत पर पहुंच गया। यह जून से लगातार ऊपर की ओर बढ़ रहा है। यह बढ़ोतरी खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में देखने को मिली, जबकि शहरी महिलाओं की भागीदारी लगभग स्थिर बनी रही।
महिला और पुरुष बेरोजगारी के बीच का अंतर भी कम हुआ है। पुरुषों में बेरोजगारी दर 4.6 प्रतिशत रही, जबकि महिलाओं में यह 4.8 प्रतिशत दर्ज की गई। यानी जेंडर गैप अब सिर्फ 0.2 प्रतिशत अंक रह गया है, जो एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
युवाओं को भी मिली राहत
युवाओं के लिए भी हालात थोड़े बेहतर हुए हैं। नवंबर में युवा बेरोजगारी दर घटकर 14.1 प्रतिशत पर आ गई, जो अक्टूबर में 14.9 प्रतिशत थी। इससे संकेत मिलता है कि धीरे-धीरे युवाओं के लिए भी रोजगार के मौके बढ़ रहे हैं।
यह सुधार ऐसे समय पर आया है, जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने तीसरी तिमाही में आर्थिक रफ्तार के कुछ धीमे पड़ने के संकेत दिए हैं। ऐसे में मजबूत होता श्रम बाजार आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था को सहारा देने का काम कर सकता है।
(प्रियंका कुमारी)
