Voter ID Rules: दो वोटर आईडी कार्ड रखना क्राइम है? जानें इसे लेकर क्या कहता है कानून

दो वोटर आईडी कार्ड रखना सही है या नहीं?
Voter ID Rules: हर भारतीय नागरिक जितनी उम्र 18 साल से ज्यादा है उसे वोटर आईडी कार्ड बनवाने का अधिकार है। वोटर आईडी कार्ड नागरिकता का पहचान पत्र है, साथ ही इस कार्ड की मदद से वोट डालने का राइट भी मिल जाता है। हालांकि, एक व्यक्ति द्वारा एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड को रखना अपराध की श्रेणी में आ जाता है।
बहुत से लोग अनजाने में या फिर जानबूझकर दो अलग-अलग जगहों से वोटर आईडी कार्ड बनवा लेते हैं। ऐसा करना भारतीय निर्वाचन आयोग के नियमों का उल्लंघन है और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। जानते हैं इसे लेकर कानून क्या कहता है।
क्या कहता है नियम?
भारतीय निर्वाचन आयोग के अनुसार, एक व्यक्ति का एक ही वोटर आईडी कार्ड होना चाहिए। एक निर्वाचन क्षेत्र में और सिर्फ एक ही वोटर लिस्ट में नाम होना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर दो जगह वोटर आईडी बनवाता है, तो यह भारतीय दंड संहिता की धारा 17 और 31 के तहत अपराध माना जाता है।
क्या हो सकती है सजा?
अगर किसी के पास दो वोटर आईडी कार्ड मिलते हैं, तो उसके खिलाफ फ्रॉड का मामला दर्ज हो सकता है। इसके तहत 1 साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों की सजा का प्रावधान है। चुनाव आयोग इस तरह के मामलों की जांच करता है और शिकायत सही पाए जाने पर नाम हटाया जाता है।
गलती कैसे सुधार सकते हैं?
गलती से आपके नाम पर दो वोटर कार्ड बन गए हैं, तो इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। आप खुद चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर या संबंधित बीएलओ से संपर्क करके एक रिकॉर्ड हटवा सकते हैं। फॉर्म 7 भरकर आप डुप्लीकेट एंट्री को हटवा सकते हैं।
ई-EPIC और आधार लिंकिंग का फायदा
चुनाव आयोग अब वोटर आईडी को आधार से लिंक करना शुरू कर चुका है, ताकि एक व्यक्ति के दो कार्ड न बनें। इससे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी और मतदाता सूची अधिक पारदर्शी बनेगी।
