TCS Share Price: टीसीएस का शेयर 4 साल के निचले स्तर पर, गिरावट के तीन बड़े कारण

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टीसीएस का शेयर अपने 4 साल के निचले स्तर पर आ गया। 

TCS Share Price: आईटी कंपनी टीसीएस का शेयर चार साल के निचले स्तर पर आ गया। अमेरिकी वीजा फीस, एक्सेंचर के नतीजे और कमजोर आईटी डिमांड बड़ी वजह बनी।

TCS Share Price: देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के शेयर पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा। शुक्रवार को कंपनी की कीमत एक फीसदी से ज्यादा गिरकर पिछले चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गई। 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर से अब तक इसमें करीब 36 फीसदी की गिरावट आ चुकी। आईटी सेक्टर की मुश्किलें, वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिकी नीतियों में बदलाव इसके पीछे बड़ी वजह मानी जा रही।

टीसीएस के शेयर पर सबसे बड़ा दबाव अमेरिका से जुड़ी नीतियों का है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में बड़ा ऐलान करते हुए एच-1बी वीजा के लिए 1 लाख डॉलर की सालाना फीस लगाने का फैसला किया है।

भारतीय आईटी कंपनियों की आमदनी का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है और वहां प्रोजेक्ट्स के लिए इन्हें बड़ी संख्या में प्रोफेशनल भेजने होते हैं। ऐसे में यह नियम सीधे कंपनियों की लागत बढ़ा देगा और मार्जिन पर दबाव बनाएगा।

साथ ही ट्रंप प्रशासन द्वारा फार्मा और अन्य सामान पर भारी टैरिफ लगाने से ग्लोबल मार्केट में भी डर का माहौल है। इसका असर आईटी सेक्टर समेत सभी एक्सपोर्ट-आधारित कंपनियों पर पड़ रहा।

आईटी सेक्टर के ग्रोथ पर संदेह

आईटी सेक्टर पर छाए काले बादलों को और गहरा किया है एक्सेंचर के तिमाही नतीजों ने। कंपनी ने तो राजस्व अनुमान से ऊपर दर्ज किया लेकिन गाइडेंस में साफ किया कि बड़े डिस्क्रिशनरी प्रोजेक्ट्स पर डिमांड अब भी कमजोर बनी हुई है। इसका सीधा असर निवेशकों की उम्मीदों पर पड़ा और भारतीय आईटी सेक्टर के लिए ग्रोथ आउटलुक और धुंधला हो गया।

सिटी और जेफरीज जैसे ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि निकट भविष्य में भारतीय आईटी कंपनियों से तेज ग्रोथ की उम्मीद करना मुश्किल है। यह धारणा शेयरों में बिकवाली की एक बड़ी वजह बनी हुई है।

निवेशकों की चिंता भी बढ़ी

टीसीएस के लिए एक और चुनौती है क्लाइंट्स का बजट। मौजूदा समय में कंपनियां लंबी अवधि के ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट्स पर खर्च कम कर रही और अल्पकालिक लागत घटाने वाले प्रोजेक्ट पर फोकस बढ़ा रहीं। इसका मतलब है कि कंपनियों को ज्यादा मार्जिन या वैल्यूएशन एक्सपेंशन मिलने की संभावना कम है।

हालांकि वित्तीय सेवा सेक्टर जैसे वर्टिकल्स में थोड़ी मजबूती दिख रही लेकिन समग्र रूप से माहौल निराशाजनक बना हुआ है। यही वजह है कि टीसीएस का शेयर लगातार गिरता जा रहा है और निवेशकों का भरोसा हिल रहा है।

(प्रियंका कुमारी)

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