चांदी की चमक पड़ी फीकी: सिल्वर ETF में 7% की गिरावट, 70 पर्सेंट रिटर्न के बाद तेजी थमी

Silver ETFs down by 7 percent: सिल्वर ईटीएफ की तेजी थमी।
Silver ETFs: सिल्वर में चल रही तेजी अब थमती दिख रही। लगातार कई महीनों तक रिकॉर्ड रिटर्न देने के बाद सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में 20 अक्टूबर को तेज गिरावट देखने को मिली। निवेशकों की भारी खरीदारी के बीच अब मांग धीमी हुई है और कीमतें वैश्विक स्तर पर फिसल रही।
पिछले एक साल में सिल्वर ईटीएफ ने 65 से 70 प्रतिशत तक का शानदार रिटर्न दिया था। अक्टूबर की शुरुआत में जब वैश्विक स्पॉट प्राइस 40 डॉलर प्रति औंस के पार गया, तब बाजार में सिल्वर की कमी की अटकलें लगाई जा रही थीं। मिड-अक्टूबर तक यह कीमत 50 डॉलर तक पहुंच गई लेकिन जैसे ही इंटरनेशनल बाजारों में ट्रेड टेंशन कम हुआ है और निवेशकों का रुख बदल गया।
भारत में चांदी ईटीएफ में 7 फीसदी की गिरावट
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के अनुसार, भारत में 20 अक्टूबर को चांदी की कीमत करीब 7 फीसदी गिरी, जो 1,71,275 प्रति किलो से घटकर 1,60,100 प्रति किलो रह गई। इसका सीधा असर सिल्वर ईटीएफ पर पड़ा।
एक दिन में 7% तक लुढ़के ईटीएफ
ऐस म्यूचुअल फंड के आंकड़ों के अनुसार, 20 अक्टूबर को अधिकांश सिल्वर ईटीफ 6 से 7 फीसदी तक गिरे हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल सिल्वर ईटीएफ 6.96 फीसदी की गिरावट के साथ गिरा है। एक्सिस सिल्वर ईटीएफ भी 7 फीसदी के करीब गिरा है। यह साफ संकेत है कि करेक्शन सिर्फ एक-दो फंड तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे सेगमेंट में दिखा।
iNAV से नीचे ट्रेड कर रहे ईटीएफ
हाल ही में भारतीय सिल्वर ईटीएफ अपने इंट्रा डे नेट असेट वैल्यू से 10 से 13% प्रीमियम पर चल रहे थे, यानी निवेशक ज़रूरत से ज़्यादा दाम चुका रहे थे। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। निप्पॉन सिल्वरबीज 148.79 पर ट्रेड बनाम iNAV 152 रुपये पर है। आईसीआईसीआई सिल्वर ईटीएफ की कीमत 153.68 है जबकि iNAV 164.79 पर है। अब ये फंड अपने वास्तविक मूल्य पर या उससे कम पर ट्रेड हो रहे हैं, जो बताता है कि बाजार सामान्य हो गया है और मांग स्थिर हो रही है।
कई म्यूचुअल फंड हाउस जैसे एचडीएफसी, कोटक, एसबीआई और यूटीआई ने हाल ही में अपने सिल्वर ईटीएफ पर अस्थायी रोक लगाई थी ताकि कीमतें स्थिर हो सकें। अब स्थिति सामान्य होने पर एचडीएफसी म्युचूअल फंड ने अपने सिल्वर ETF में निवेश दोबारा शुरू कर दिया है।हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बेहतर एंट्री पॉइंट साबित हो सकती है, क्योंकि चांदी की इंडस्ट्रियल और सोलर डिमांड अभी भी मजबूत बनी हुई है।
(प्रियंका कुमारी)
