Share Market Today: फेड मीटिंग के पहले सेंसेक्स में 197 अंक की गिरावट, निफ्टी में 64 अंक टूटा

फेड मीटिंग के पहले सेंसेक्स में 197 अंक की गिरावट, निफ्टी में 64 अंक टूटा
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इस हफ्ते फेड मीटिंग से पहले भारतीय शेयर बाजार दबाव में दिख रहा है। सुबह-सुबह के कारोबार में सेंसेक्स 197 अंक और निफ्टी 64 अंक गिर गया है। जानें कौन से स्टॉक्स रहे फोकस में और क्यों दिख रही गिरावट। पढ़ें पूरी खबर।

(एपी सिंह) मुंबई। फेडरल रिजर्व की इस हफ्ते होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले भारतीय शेयर बाजार में हल्की कमजोरी देखने को मिली। निवेशक वैश्विक संकेतों और फेड की संभावित ब्याज दर कटौती को लेकर सतर्क हैं। सोमवार सुबह बाजार गिरावट में खुला। सेंसेक्स इस सयम 9.35 बजे के आसपास 197.14 अंक या 0.23 % और निफ्टी करीब 64.55 अंक या 0.25% की गिरावट के साथ लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं। यह गिरावट दर्शाती है कि बाजार फिलहाल वेट एंड वॉच मूड में है।

सेंसेक्स 85,515.23 और निफ्टी 26,121.90 के आसपास कारोबार कर रहे हैं। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से केवल 9 हरे निशान में हैं, जबकि 19 में कमजोरी है, जो बताता है कि गिरावट व्यापक नहीं, बल्कि सीमित दायरे में है। मार्केट में कुछ प्रमुख स्टॉक्स जैसे Eternal, Biocon, ICICI Bank, ONGC, NBCC, HFCL, Delhivery, Landmark Cars और Zen Technologies आज विशेष ध्यान में रहेंगे, क्योंकि इन कंपनियों से संबंधित खबरें या तकनीकी संकेत इनके शेयरों में उतार-चढ़ाव ला सकते हैं।

इंडेक्स की बात करें तो SENSEX, BANKEX और Bharat 22 Index सभी मामूली गिरावट में दिख रहे हैं। यह गिरावट वैश्विक अनिश्चितताओं और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली से जुड़ी है। टॉप गेनर में Kesoram Industries लगभग 20% उछला, वहीं SpiceJet, Ashoka Buildcon, Linde India और Sanofi भी 4-7% की तेजी के साथ चमके। इसके उलट, टॉप लूजर्स में HCC, Indigo Airlines, Borosil Renewables, Gabriel India और Banco India में 3–5% की गिरावट देखी गई।

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है। Geojit Investment के वी.के. विजयकुमार के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत GDP ग्रोथ (Q2 में 8.2%) और FY26 के लिए RBI का 7.3% ग्रोथ अनुमान बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हैं। साथ ही, FY27 में लगभग 15% कॉर्पोरेट अर्निंग ग्रोथ की संभावना है, जो इक्विटी मार्केट के लिए अच्छा माना जाता है।

हालांकि, कुछ नकारात्मक कारक भी बाजार पर दबाव डाल रहे हैं-सबसे बड़ा कारण है रुपए में लगातार कमजोरी, जिसकी वजह से विदेशी निवेशक (FIIs) भारी बिकवाली कर रहे हैं। जापान में बॉन्ड यील्ड बढ़ने से येन कैरी ट्रेड के उलटने का खतरा भी बाजार में अस्थिरता ला सकता है।

दूसरी ओर, Brickwork Ratings के के.एच. पटनायक बताते हैं कि RBI के 5 बिलियन डॉलर के फॉरवर्ड स्वैप और 1 लाख करोड़ रुपए के OMO खरीद से सिस्टम में बड़ी मात्रा में लिक्विडिटी आएगी, जिससे बॉन्ड मार्केट, बैंकिंग सेक्टर और NBFCs के लिए स्थिति बेहतर होगी। कुल मिलाकर, बाजार का रुख फिलहाल मिश्रित है एक तरफ मजबूत अर्थव्यवस्था का समर्थन है, तो दूसरी तरफ वैश्विक अनिश्चितता और रुपए की कमजोरी से वोलैटिलिटी बढ़ सकती है।

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