Share Market: सेंसेक्स 211.62 अंक चढ़ा, निफ्टी में 57 अंक की तेजी, ब्रॉडर मार्केट पर दबाव

(एपी सिंह ) मुंबई।भारतीय शेयर बाजार शुरुआती कमजोरी के बाद तेजी पकड़ता दिख रहा है। सुबह वैश्विक मिले-जुले संकेतों के बीच सेंसेक्स और निफ्टी मामूली गिरावट के साथ खुले। लेकिन सिर्फ कुछ ही मिनटों में बाजार में तेज खरीदारी लौटी और सेंसेक्स लगभग 212 अंक चढ़कर 84,878 के आसपास पहुंच गया। निफ्टी भी लाल निशान से निकलकर 57 अंकों की तेजी के साथ 25,896 तक पहुंच गया। इसका मतलब यह है कि निवेशकों ने शुरुआती झिझक के बाद खरीदारी शुरू की, जिससे बाजार में भरोसा बढ़ा।
आज जिन शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी दिखी, उनमें Hindalco, Trent, Tata Steel और Jio Financial जैसी बड़ी कंपनियां शामिल रहीं। वहीं Titan, Bajaj Finance और TCS जैसे नामों में गिरावट देखने को मिली। इससे साफ पता चलता है कि बाजार सेक्टर-अनुसार बंटा हुआ चल रहा है-कुछ सेक्टरों में मजबूती है, जबकि कुछ में दबाव।
आज इस समय BSE में 3,096 शेयरों का कारोबार होता दिख रहा है, जिसमें 2,003 शेयर बढ़त में हैं। जबकि 954 शेयर गिरावट में ट्रेड कर रहे हैं। जबकि 32 शेयर अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंचे, जो संकेत देते हैं कि broader market शुरुआती सत्र में कमजोर दिखाई दे रहा है। एक बड़ा सौदा Adani Green में हुआ, जहां लगभग 2.24 करोड़ शेयर ब्लॉक डील में ट्रेड हुए।
इससे स्टॉक में अस्थायी उतार-चढ़ाव बढ़ गया, लेकिन बड़े संस्थागत निवेशकों की दिलचस्पी भी दिखाई देती है। मार्केट कैप लगभग 4,66.86 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो यह दर्शाता है कि भारतीय बाजार मूल्य के मामले में मजबूत बना हुआ है।
विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार की मौजूदा स्थिति थोड़ी चुनौतीपूर्ण है। एफआईआई (विदेशी निवेशक) लगातार बिकवाली कर रहे हैं और broader market में गिरावट इस वजह से और बढ़ रही है कि कई शेयर बहुत महंगे हो गए थे। अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौते में देरी, और राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत पर ‘चावल डंपिंग’ का बयान, बाजार की भावनाओं को और कमजोर कर रहा है।
हालांकि, सकारात्मक पहलू भी हैं भारत की आर्थिक वृद्धि दर मजबूत है, कंपनियों के मुनाफे बढ़ने की संभावना है और बड़ी कंपनियों के शेयर अब उचित दाम पर मिल रहे हैं।
आने वाले महीनों में महंगाई बढ़ने की संभावना है, जिससे नॉमिनल जीडीपी और कंपनियों की आय में सुधार हो सकता है। कुछ विशेषज्ञों की सलाह है कि जब तक फेडरल रिजर्व की बैठक से स्पष्ट संकेत नहीं आते, तब तक निफ्टी और बैंक निफ्टी में उछाल पर बेचने की रणनीति अपनाएं। वहीं लंबे समय के निवेशकों को धैर्य रखने और मजबूत स्टॉक्स पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जा रही है। कुल मिलाकर, बाजार में उतार-चढ़ाव है लेकिन fundamentals मजबूत हैं। इसलिए जल्दबाजी से बचकर, सोच-समझकर रणनीति बनाना इस समय सबसे बेहतर कदम माना जा रहा है।
