Stock Market:: शेयर बाजार में जबर्दस्त तेजी, सेंसेक्स 948.66 अंक चढ़ा, निफ्टी रिकार्ड हाई के करीब

(एपी सिंह) मुंबई। भारतीय शेयर बाजार ने आज 26 नवंबर को लगातार तीन दिनों की गिरावट से उबरते हुए जबर्दस्त तेजी में कारोबार करता दिखाई दे रहा है। सुबह मजबूत शुरुआत करते हुए सेंसेक्स 2.05 बजे तक लगभग 948.66 अंक या 1.12 % की बढ़ोतरी के साथ 85,535.67 के स्तर पर जा पहुंचा है। जबकि, निफ्टी 291.55 अंक या 1.13% बढ़त के साथ 26,157.35 के स्तर पर जा पहुंचा है। व्यापक खरीदारी के माहौल में लगभग 2,500 से अधिक शेयर हरे निशान में कारोबार करते दिखाई दे रहे हैं। इस रैली का सबसे बड़ा कारण अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीदें और ब्रेंट क्रूड के दामों में गिरावट रही हैं।
जब भी अमेरिका में ब्याज दरों के कम होने के संकेत मिलते हैं, विदेशी निवेशक उभरते बाजारों खासकर भारत की ओर आकर्षित होते हैं। यही वजह है कि आईटी और मेटल सेक्टर जैसे वैश्विक संवेदनशील क्षेत्रों में तेजी देखने को मिल रही है। आईटी कंपनियां अमेरिकी बाजार से बड़ी कमाई करती हैं, इसलिए दर कटौती का संकेत उनके लिए अनुकूल माना जाता है। एशियाई बाजारों में भी लगभग 1% की बढ़त देखने को मिली है।
अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों ने यह संकेत दिया कि खुदरा बिक्री उम्मीद से कम बढ़ी और उपभोक्ता भरोसा कमजोर हुआ। इससे दिसंबर में फेड द्वारा दर घटाने की संभावना मजबूत हुई है। दो फेड अधिकारियों की टिप्पणियों ने भी बाजार भावनाओं को बल दिया। घरेलू स्तर पर भी कई दर-संवेदनशील सेक्टर-जैसे बैंकिंग, फाइनेंशियल्स, रियल एस्टेट, ऑटो और कंज्यूमर शेयर-0.5% से 1% तक चढ़े। बाजार में ऐसी धारणा मजबूत हो रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक भी आने वाली बैठक में दरों में कटौती कर सकता है।
फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एफआईआई) द्वारा की गई खरीदारी ने भी बाजार को सहारा दिया है। हालांकि पिछले दिन निफ्टी में 74 अंकों की गिरावट आई थी, पर वह ज्यादातर एक्सपायरी संबंधी उतार-चढ़ाव था। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे अनिश्चित बाजार माहौल में खुदरा निवेशकों को जल्दबाज़ी में ट्रेड करने के बजाय अच्छी गुणवत्ता वाले स्टॉक्स को धीरे-धीरे इकट्ठा करने की रणनीति अपनानी चाहिए। बाजार की मजबूती में बड़े शेयरों एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और रिलायंस, का भी योगदान रहा, जो लगभग 1% ऊपर चढ़ गए हैं। इसी बीच ब्रेंट क्रूड की कीमतें भी घटकर 62 डॉलर से नीचे आ गईं, जिसने भारत जैसे तेल-आयातक देश में बाजार को और मजबूती दी।
