Stock Market: सेसेंक्स 750 अंक लुढ़का, लगातार छठे दिन बाजार गिरा; क्यों शेयर मार्केट में हो रहा ऐसा?

भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को बड़ी गिरावट हुई।
Stock Market Today: भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। शुक्रवार, 26 सितंबर को लगातार छठे दिन सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट देखी गई। दोपहर 3 बजे सेंसेक्स 755.51 अंक या 0.92% टूटकर 80,400.19 पर और निफ्टी 243.60 अंक यानी 0.98% गिरकर 24,647.25 पर कारोबार कर रहा था। इस दौरान 767 शेयरों में तेजी आई जबकि 2900 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।
निफ्टी इस हफ्ते फरवरी 2025 के बाद से सबसे खराब साप्ताहिक गिरावट दर्ज करने की ओर बढ़ रहा। आइए जानते हैं भारतीय शेयर बाजार में क्यों गिरावट हुई।
1. अमेरिकी टैरिफ का असर फार्मा शेयरों पर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जिससे फार्मा शेयरों में बड़ी गिरावट आई। निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2.3 फीसदी टूटा और सभी 20 शेयर लाल निशान पर रहे। सन फार्मा 3.4 फीसदी गिरा जबकि डॉ. रेड्डीज, सिप्ला, बायोकॉन और लॉरस लैब्स जैसे दिग्गजों में 2 से 5 फीसदी की गिरावट देखी गई।
अमेरिका भारत की दवा निर्यात का करीब एक-तिहाई हिस्सा खरीदता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि फिलहाल इसका असर सीमित रहेगा क्योंकि भारत मुख्य रूप से जेनेरिक दवाओं को एक्सपोर्ट करता है।
2. आईटी सेक्टर पर एक्सेंचर का असर
आईटी शेयर लगातार छठे दिन गिरे। निफ्टी आईटी इंडेक्स 2 फीसदी तक टूटा। एलटीआई माईंडट्री, विप्रो और टेक महिंद्रा में 2 फीसदी से कुछ अधिक की गिरावट आई जबकि टीसीएस पांच साल में सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट की ओर बढ़ रहा ।
एक्सेंचर के नतीजों से पता चला कि मांग में सुधार बहुत बेहतर नहीं है। इसके अलावा, अमेरिका में H-1बी वीजा फीस में एक लाख डॉलर की बढ़ोतरी और टेक कंपनियों पर निगरानी ने भारतीय आईटी कंपनियों पर दबाव और बढ़ा दिया।
3. कमजोर ग्लोबल संकेत
एशियाई बाजारों में ट्रंप की टैरिफ ऐलान और मजबूत अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों के चलते बिकवाली बढ़ी। जापान का टॉपिक्स फार्मा इंडेक्स 1% गिरा जबकि हांगकांग का इनोवेटिव ड्रग इंडेक्स 2.8 पर्सेंट टूटा। अमेरिका में भी डाऊ जोंस 173 अंक, नैस्डैक 113 और एसएंडपी 500 करीब 33 अंक टूटकर बंद हुआ था।
बाजार की बैचेनी को दिखाने वाला इंडिया विक्स शुक्रवार को 7.7 फीसदी उछलकर 1 सितंबर के बाद के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इसका मतलब है कि निकट भविष्य में भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और बढ़ सकता है।
कुल मिलाकर, घरेलू और वैश्विक दोनों ही वजहों से भारतीय शेयर बाजार दबाव में है। फिलहाल निवेशकों को सतर्क रहना होगा क्योंकि बाजार में अस्थिरता जारी रहने की संभावना है।
(प्रियंका कुमारी)
