IPO Relief: SEBI ने बड़ी कंपनियों को IPO लाने में दी राहत, इस मामले में मिलेगी ज्यादा मोहलत

SEBI IPO Rules
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SEBI ने बड़ी कंपनियों के लिए आईपीओ लाने के नियमों में राहत देने का प्रस्ताव रखा है।  

SEBI IPO Changes: सेबी ने बड़ी कंपनियों को IPO नियमों में बड़ी राहत दी है।अब 1 लाख करोड़ से ज्यादा वैल्यूएशन वाली कंपनियों को 25% पब्लिक हिस्सेदारी पूरी करने के लिए ज्यादा मोहलत मिलेगी।

SEBI IPO Changes: सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI ने बड़ी कंपनियों के लिए आईपीओ लाने के नियमों में राहत देने का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव के बाद 1 लाख करोड़ से ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनियां छोटे आईपीओ भी ला सकेंगी और उन्हें न्यूनतम 25 फीसदी हिस्सेदारी पूरा करने के लिए ज्यादा मोहलत मिलेगी।

सेबी के मुताबिक, बड़ी कंपनियां अगर आईपीओ के वक्त 15 फीसदी से कम पब्लिक हिस्सेदारी रखती है तो उन्हें हिस्सेदारी 15 फीसदी तक पहुंचाने के लिए 5 साल का समय दिया जाएगा। वहीं, 25% हिस्सेदारी पूरी करने के लिए उन्हें 10 साल की मोहलत मिलेगी। अगर कंपनी के पास पहले से ही 15% से ज्यादा पब्लिक शेयरहोल्डिंग है, तो उसे 25% तक पहुंचने के लिए 5 साल का समय मिलेगा।

छोटी और मझोली कंपनियों (जिनका मार्केट कैप 50 हजार करोड़ रुपये तक है) के लिए नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

पुराने नियम और नई राहत

अब तक का नियम था कि हर लिस्टेड कंपनी को 3 साल के भीतर अपनी 25% पब्लिक शेयरहोल्डिंग पूरी करनी होती थी। कई बड़ी कंपनियां इस शर्त को पूरा करने में मुश्किल महसूस कर रही थीं। खासकर जिनका वैल्यूएशन बहुत बड़ा है। ऐसे में नए प्रस्ताव से उन्हें राहत मिलेगी।हालांकि, SEBI ने साफ किया है कि अगर किसी कंपनी ने पहले नियमों का उल्लंघन किया है तो उसके खिलाफ जुर्माना और दंड की कार्रवाई जारी रहेगी।

रिटेल निवेशकों को भी राहत

सेबीने रिटेल निवेशकों को भी राहत दी है। पहले प्रस्ताव था कि 5 हजार करोड़ से ज्यादा के आईपीओ में रिटेल कोटा 35 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दिया जाए। लेकिन भारी विरोध के बाद सेबी ने इस योजना को छोड़ दिया। यानी अब खुदरा इंवेस्टर्स को आईपीओ में पहले की तरह ही 35% का कोटा मिलेगा।

क्यों अहम है यह बदलाव?

भारत में कई बड़ी कंपनियां IPO लाने की तैयारी कर रही हैं, लेकिन 25% पब्लिक शेयरहोल्डिंग की सख्त समयसीमा उनके लिए अड़चन बनी हुई थी। नए नियमों से बड़ी कंपनियों को बाजार में आने की राह आसान होगी। वहीं, रिटेल निवेशकों का भरोसा भी कायम रहेगा क्योंकि उनका कोटा घटाया नहीं गया है।

सेबी के इस कदम को बाजार के लिए पॉजिटिव माना जा रहा। इससे जहां बड़ी कंपनियों को आईपीओ लाने में आसानी होगी। वहीं, छोटे निवेशकों के हितों की भी रक्षा होगी। आने वाले समय में यह बदलाव IPO बाजार को और ज्यादा आकर्षक बना सकता है।

(प्रियंका कुमारी)

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