SBI Q2 Results: यस बैंक की हिस्सेदारी बेचने का एसबीआई को फायदा, मुनाफा 10% बढ़कर 20160 करोड़ हुआ

state bank of india quarter 2 result
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के क्वार्टर-2 रिजल्ट अच्छे रहे। 

SBI Q2 Results: एसबीआई का दूसरी तिमाही में मुनाफा 10% बढ़कर 20159 करोड़ हुआ। यस बैंक की हिस्सेदारी बेचने से बैंक को 4593 करोड़ की अतिरिक्त आय हुई। बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार हुआ।

SBI Q2 Results: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए हैं, जो उम्मीद से बेहतर रहे। बैंक का नेट प्रॉफिट 10 फीसदी बढ़कर 20159 करोड़ पर पहुंच गया जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 18331 करोड़ रुपये था।

इस तिमाही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुनाफे को यस बैंक में हिस्सेदारी बेचने से मिली एकमुश्त आय ने बड़ा सहारा दिया। बैंक ने यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचकर करीब 4593 करोड़ का फायदा कमाया। इस एक्सेप्शनल गेन की वजह से एसबीआई का कुल प्रॉफिट मजबूत रहा, भले ही उसकी ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस में थोड़ी गिरावट देखने को मिली।

ऑपरेटिंग प्रॉफिट में मामूली गिरावट

बैंक का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 6.8% घटकर 27311 करोड़ रह गया जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 29,294 करोड़ था। वहीं, नेट इंटरेस्ट इनकम, जो बैंक की कोर कमाई मानी जाती है, में 3% की बढ़ोतरी हुई और यह 42984 करोड़ तक पहुंच गई जबकि पिछले साल यह 41,619 करोड़ थी।

एसबीआई एसेट क्वालिटी में सुधार

एसबीआई की एसेट क्वालिटी में उल्लेखनीय सुधार दर्ज हुआ है। ग्रॉस एनपीए (खराब ऋण अनुपात) घटकर 1.73% रह गया, जो पिछली तिमाही में 1.83% था। नेट एनपीए भी घटकर 0.42% रह गया जबकि जून तिमाही में यह 0.47% था। यह सुधार बैंक की ऋण गुणवत्ता और रिकवरी सिस्टम के बेहतर होने का संकेत देता है। हालांकि, एसबीआई ने इस तिमाही में प्रोविज़न (आरक्षित राशि) बढ़ाई है। बैंक ने 5,400 करोड़ का प्रावधान रखा, जो पिछले साल की तुलना में 19.9% अधिक और पिछली तिमाही से 13.5% ज्यादा है।

SBI Q2 FY26 की झलक

नेट प्रॉफिट: 20,159 करोड़ (10% बढ़त)

एनआईआई: 42,984 करोड़ (3% बढ़त)

ऑपरेटिंग प्रॉफिट: 27,311 करोड़ (6.8% कमी)

ग्रॉस एनपीए: 1.73% (पहले 1.83%)

नेट एनपीए: 0.42% (पहले 0.47%)

प्रोविज़न: 5,400 करोड़ (19.9% बढ़त)

नतीजों से निवेशकों में भरोसा

एसबीआई के ये नतीजे दिखाते हैं कि बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है। यस बैंक डील से हुई अतिरिक्त कमाई ने बैंक की बैलेंस शीट को सहारा दिया है, जबकि घटते NPA और बढ़ती नेट इंटरेस्ट इनकम आने वाले तिमाहियों के लिए सकारात्मक संकेत दे रहे।

(प्रियंका कुमारी)

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