रेपो रेट में 0.25% कटौती: 50 लाख के लोन पर 20 साल में ब्याज में होगी 18.32 लाख बचत

50 लाख के लोन पर 20 साल में ब्याज में होगी 18.32 लाख बचत
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RBI ने रेपो रेट में की 0.25% की कटौती, होम लोन की EMI और ब्याज दरें कम होंगी। EMI कम करने की बजाय लोन अवधि घटाने का विकल्प चुनें, इससे आपको मिलेगा ज्यादा लाभ।

मुंबई। आरबीआई द्वारा 5 दिसंबर को रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट यानी 0.25% की कटौती करके इसे 5.25% पर लाना घर खरीदने वालों के लिए बड़ी राहत साबित होगी। रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंक आरबीआई से पैसा उधार लेते हैं। जब यह दर कम होती है, तो बैंक भी अपने ग्राहकों को सस्ते लोन देने लगते हैं। इसीलिए होम लोन की ईएमआई और ब्याज दरें भी कम होने लगती हैं। इस साल फरवरी से आरबीआई ने लगातार ब्याज दरों में कटौती शुरू की थी और अब तक कुल 125 बेसिस पॉइंट यानी 1.25% की बड़ी कटौती की जा चुकी है। फरवरी में जहां रेपो रेट 6.5% थी, वहीं अब यह घटकर 5.25% हो गई है। इससे स्पष्ट है कि देश में ब्याज दरों का साइकल नीचे की ओर है, जिससे ग्राहकों पर लोन का बोझ घटेगा।

ईएमआई की जगह लोन की अवधि घटाइए

बड़ी बात यह है कि 2019 से सभी नए फ्लोटिंग रेट वाले रिटेल लोन को बाहरी बेंचमार्क से जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें ज्यादातर बैंकों ने रेपो रेट को अपना बेंचमार्क चुना है। जैसे ही आरबीआई रेपो रेट बदलता है, लोन की ब्याज दरें भी बदलती हैं। यही कारण है कि रेपो रेट में कटौती का सीधा फायदा घर खरीदने वालों को मिलेगा। हालांकि आमतौर पर बैंक ईएमआई को कम करने के बजाय लोन की अवधि को घटाते हैं, इससे ग्राहकों का ब्याज बोझ लंबे समय में काफी कम हो जाता है। अगर किसी ने जनवरी में 50 लाख रुपए का 8.5% ब्याज पर 20 साल का लोन लिया है, तो 125 बेसिस पॉइंट की कटौती से उसकी लोन अवधि लगभग 198 महीने रह जाएगी और करीब 18.32 लाख रुपए ब्याज की बचत होगी।

ईएमआई 5% घटा सकें तो जल्द जुक जाएगा कर्ज

अगर कोई ग्राहक चाहे तो ईएमआई भी कम करवा सकता है, लेकिन इस स्थिति में उनकी बचत कम हो जाएगी। ईएमआई की राशि घटाने से आपको 18.32 लाख रुपए की जगह लगभग 9.29 लाख रुपए की ही बचत होगी। ऐसी स्थिति में बेहतर यही होता है कि अपनी ईएमआई वही रखते हुए और ईएमआई की अवधि घटाने का विकल्प चुना जाए। इससे कुल ब्याज में बड़ी बचत होती है। इसके साथ ही, अगर कोई ग्राहक अपनी ईएमआई में 5% की अतिरिक्त बढ़ोतरी कर सके, तो उसका 20 साल का लोन 15 साल में भी चुकाया जा सकता है। जिससे आगे निवेश और बचत के कई रास्ते खुलते हैं।

ज्यादा ब्याज में फंसे हैं तो रेपो-लिंक्ड लोन पर स्विच करें

नए होम लोन लेने वालों के लिए सरकारी बैंकों ने जनवरी से नवंबर के बीच लगभग 100 बेसिस पॉइंट की कमी कर दी है, लेकिन कुछ निजी बैंक अभी भी पूरा लाभ नहीं दे रहे हैं और अपने स्प्रेड को एडजस्ट करके दरें कम दिखा रहे हैं। इसीलिए विशेषज्ञों का सुझाव है कि पुराने लोन वाले ग्राहक जो अभी भी उच्च ब्याज दर पर फंसे हुए हैं, वे रेपो-लिंक्ड लोन पर स्विच करके काफी फायदा उठा सकते हैं। कुल मिलाकर, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का यह निर्णय बाजार में कर्ज की लागत को कम करेगा, आवास क्षेत्र में मांग बढ़ाएगा और आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित करेगा।

(एपी सिंह की रिपोर्ट)

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