RBI Report 2025: इस साल बैंकों के वित्तीय स्वास्थ्य में दिखा उल्लेखनीय सुधार, घटा नुकसान, बढ़ा मुनाफा

RBI की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, FY25 में बैंकों की बैलेंस शीट, एसेट क्वालिटी और मुनाफे में सुधार हुआ है।
मुंबई। भारतीय बैंकिंग सेक्टर के लिए साल 2025 बेहद सकारात्मक रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश का बैंकिंग सिस्टम पहले से ज्यादा मजबूत और स्थिर स्थिति में है। वित्त वर्ष 2024-25 में बैंकों की बैलेंस शीट में सुधार देखने को मिला है और कर्ज देने की क्षमता भी मजबूत हुई है। खास बात यह है कि बैंकों की एसेट क्वालिटी में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिससे यह साफ होता है कि बीते वर्षों में जिस दबाव और अनिश्चितता का सामना बैंकिंग सेक्टर कर रहा था, उससे अब काफी हद तक उबर चुका है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों में जमा राशि और कर्ज दोनों में डबल डिजिट की वृद्धि दर्ज की गई है। भले ही यह ग्रोथ FY24 की तुलना में थोड़ी धीमी रही हो, लेकिन इसका स्तर यह दर्शाता है कि बैंकिंग गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं।
लोगों और कंपनियों का बढ़ा भरोसा
आम लोगों और कंपनियों का बैंकों पर भरोसा कायम है, जिसकी वजह से डिपॉजिट लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं उद्योगों और उपभोक्ताओं की ओर से कर्ज की मांग भी बनी हुई है,जिससे निवेश और आर्थिक गतिविधियों को सहारा मिल रहा है। बैंकों की पूंजी स्थिति को लेकर भी रिपोर्ट में संतोष जताया गया है। कैपिटल टू रिस्क-वेटेड एसेट रेशियो मार्च में 17.4 फीसदी और सितंबर में 17.2 फीसदी रहा। इसका मतलब यह है कि बैंकों के पास संभावित जोखिमों और आर्थिक झटकों से निपटने के लिए पर्याप्त पूंजी मौजूद है। मजबूत पूंजी आधार किसी भी बैंकिंग सिस्टम की रीढ़ माना जाता है और यह भविष्य में स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। सबसे बड़ा और सकारात्मक संकेत बैंकों की एसेट क्वालिटी में सुधार को लेकर है। कई दशकों के बाद ग्रॉस एनपीए अपने निचले स्तर पर पहुंच गया है।
एनपीए अपने निचले स्तर पर पहुंचा
मार्च में एनपीए 2.2 फीसदी और सितंबर में 2.1 फीसदी रहा, जो बताता है कि खराब कर्ज की समस्या काफी हद तक नियंत्रण में आ चुकी है। इसका सीधा असर बैंकों की कमाई पर भी पड़ा है। FY25 में रिटर्न ऑन एसेट 1.4 फीसदी और रिटर्न ऑन इक्विटी 13.5 फीसदी रहा, जो मजबूत मुनाफे की स्थिति को दर्शाता है। इसके अलावा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों और एनबीएफसी सेक्टर में भी सकारात्मक रुझान देखने को मिला है। लगातार चौथे साल इन संस्थानों की एसेट क्वालिटी में सुधार हुआ है और क्रेडिट ग्रोथ भी मजबूत बनी हुई है। कुल मिलाकर आरबीआई की यह रिपोर्ट संकेत देती है कि भारतीय बैंकिंग सेक्टर न केवल स्थिर है, बल्कि आने वाले वर्षों में आर्थिक विकास को मजबूती से समर्थन देने की स्थिति में भी है।
रिपोर्ट: एपी सिंह।
