Ayushman Bharat Yojana: आयुष्मान योजना का लाभ देने से अस्पताल कर रहे आनाकानी? इन जगहों पर करें शिकायत

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आयुष्मान भारत योजना में अस्पताल की शिकायत करने के तरीके।

PM Ayushman Bharat Yojana: आयुष्मान भारत योजना के तरह अगर अस्पातल इलाज से मना करें तो इसकी शिकायत की जा सकती है।

Ayushman Bharat Yojana: अचानक तबीयत बिगड़ने पर जब अस्पताल का रुख किया जाता है, तो इलाज से ज्यादा परेशानी मेडिकल खर्चों को लेकर होने लगती है। लेकिन अगर आपके पास आयुष्मान कार्ड है, तो सरकार आपके इलाज का पूरा खर्च उठाती है। इस कार्ड से आप साल में 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करवा सकते हैं वो भी सरकारी नहीं, प्राइवेट अस्पतालों में भी।

हालांकि कई बार ऐसा भी देखा गया है कि कुछ अस्पताल इलाज देने से मना कर देते हैं, जबकि वे आयुष्मान भारत योजना में रजिस्टर्ड होते हैं। ऐसे में बहुत से लोगों को ये नहीं पता होता कि वे कहां शिकायत करें और क्या करें? अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है या कभी हो, तो घबराएं नहीं सरकार ने इसके लिए पूरी शिकायत प्रणाली तैयार कर रखी है। आइए जानते हैं इसका तरीका क्या है और कैसे आप अपने हक का इलाज पा सकते हैं।

आयुष्मान कार्ड से कितने तक का मुफ्त इलाज संभव है?

आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र परिवारों को प्रति वर्ष ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज प्रदान किया जाता है। यह कवरेज सेकेंडरी और टर्शियरी केयर हॉस्पिटलाइजेशन के लिए लागू होता है और इसमें 1,350 से अधिक मेडिकल पैकेज शामिल हैं। यह सुविधा देशभर के सूचीबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों में उपलब्ध है ।

किन अस्पतालों में होता है मुफ्त इलाज?

इस योजना के तहत लाभार्थी देशभर के सूचीबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकते हैं। इन अस्पतालों की सूची और अन्य विवरण आयुष्मान भारत योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

यदि अस्पताल इलाज से मना करे तो क्या करें?

यदि कोई सूचीबद्ध अस्पताल आयुष्मान कार्ड धारक को मुफ्त इलाज देने से मना करता है, तो लाभार्थी निम्नलिखित तरीकों से शिकायत दर्ज कर सकते हैं:

ऑनलाइन शिकायत: https://cgrms.pmjay.gov.in/ पर जाकर 'Register Your Grievance' विकल्प का चयन करें। आवश्यक जानकारी भरकर शिकायत दर्ज करें।

टोल-फ्री हेल्पलाइन: 14555 या 1800-11-4477 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं ।

ईमेल: ayushmanbharat.csc@gmail.com पर ईमेल भेजकर भी शिकायत की जा सकती है ।

शिकायत दर्ज करने के बाद, संबंधित प्राधिकरण द्वारा जांच की जाती है और आवश्यक कार्रवाई की जाती है। यदि अस्पताल दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें उसे योजना से बाहर करना भी शामिल है ।

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