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Paytm Q4 Results: विजय शेयर शर्मा ने साल 2010 में पेटीएम की शुरुआत की। इसी साल जनवरी में RBI ने कंपनी के फाइनेंशियल आर्म Paytm Payments Bank पर कई प्रतिबंध लागू कर दिए।

Paytm Q4 Results: देश के अग्रणी फिनटेक स्टार्टअप पेटीएम (Paytm) के सेल्स और रेवेन्यू में बुधवार को पहली बार गिरावट दर्ज की गई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की कार्रवाई के बीच पेटीएम की आमदनी में 2.7% की कमी आई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह यूनिकॉर्न स्टार्टअप अपने कारोबार में आई कमजोरी के चलते कर्मचारियों की छंटनी और नॉन कोर-एसेट्स में कटौती की योजना बना रहा है। बता दें कि भारतीय उद्यमी विजय शेयर शर्मा ने साल 2010 में पेटीएम की शुरुआत की थी। लेकिन इसी साल जनवरी में केंद्रीय बैंक ने पेटीएम के फाइनेंशियल आर्म Paytm Payments Bank पर कई प्रतिबंध लागू कर दिए।

Paytm को मार्च तिमाही में 550 करोड़ का घाटा
फिनटेक पाइनियर पेटीएम कभी भारत की सफलता का प्रतीक था। लेकिन मार्च 2024 में खत्म तिमाही में इसे 550 करोड़ रुपए का शुद्ध नुकसान (नेट लॉस) हुआ। जबकि, पेटीएम के रेवेन्यू में 2.6 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 2,267.10 करोड़ रुपए रहा। 2021 में भारतीय बाजार में लिस्ट होने के बाद पेटीएम की आय में यह पहली गिरावट है। इसके बाद पेटीएम का शेयर 2 फीसदी तक टूट गया था, लेकिन आज इसमें तेजी देखी गई है। पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशन का शेयर 1.55 फीसदी की बढ़त के साथ दोपहर 1.45 बजे 351.75 रुपए पर ट्रेड हो रहा था। 

पेटीएम ने राइट ऑफ किए 227 करोड़ रुपए  

  • पेटीएम ने 22 मई को बताया कि उसका शुद्ध घाटा 3.2 गुना अधिक है, क्योंकि आरबीआई द्वारा सहयोगी कंपनी, पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) पर प्रतिबंध लगाने के बाद मार्जिन पर असर पड़ा। मार्च तिमाही में पेटीएम के करीब 40 लाख मंथली ट्रांजैक्शन यूजर भी घट गए। कंपनी ने 57.76 अरब रुपए का लोन बांटा, जो पिछली तिमाही के 155.35 अरब रुपए से बहुत कम है।
  • शेयरधारकों को लिखे पत्र में विजय शेखर शर्मा ने चौथी तिमाही में बिक्री और राजस्व पर अल्पकालिक वित्तीय प्रभाव को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि पीपीबीएल वॉलेट और कुछ अन्य पेमेंट और लोन प्रोडक्ट को रोका गया, लेकिन इनमें से कई सेवाएं दोबारा शुरू की जा रही हैं। 

Paytm के लिए रेगुलेटरी चैलेंज क्या हैं?

  • विजय शेखर शर्मा द्वारा 2010 में शुरू की गई पेटीएम मुश्किल दौर से गुजर रही है। 31 जनवरी को आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ऑपरेशन पर कई प्रतिबंधों का ऐलान कर दिया था। इससे पेटीएम की छवि पर असर पड़ा है। जिसने कंपनी को इस चिंता में डाल दिया कि उसके ग्राहक प्रतिद्वंदी डिजिटल ट्रांजैक्शन प्लेटफॉर्म PhonePe और GooglePay पर शिफ्ट हो सकते हैं। 
  • इन चुनौतियों के बावजूद पेटीएम ने कहा कि वह अब ब्याज, टैक्स, निर्गमन और विलोपन से पहले यह मुनाफे का सौदा रहा है। हालांकि, आगे जून तिमाही में भी पेटीएम का रेवेन्यू 150 से 160 करोड़ रुपए गिरने की आशंका है। लेकिन फिर भी कंपनी को "मीनिंगफुल इम्प्रूवमेंट" की उम्मीद है। कंपनी अब कर्मचारियों की छंटनी और नॉन कोर-बिजनेस समेटने की तैयारी कर रही है।

पेटीएम के सामने प्रतिस्पर्धी माहौल
पेटीएम को फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में Amazon.com Inc., Alphabet Inc. के Google और मुकेश अंबानी की Jio फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड से कड़ी टक्कर मिल रही है। केवायसी नियमों का पालन नहीं करने का हवाला देकर केंद्रीय बैंक ने PPBL को प्रमुख कामकाज रोकने का आदेश दिया है। जिसके बाद से कंपनी के शेयरों की कीमतें घटकर आधी रह गई हैं। हालांकि, पेटीएम पेमेंट्स बैंक विजय शेखर शर्मा के फिनटेक बिजनेस का हिस्सा है, लेकिन यह पेटीएम द्वारा नियंत्रित नहीं है। दूसरी ओर, ब्लूमबर्ग के एनालिस्ट नाथन नायडू ने वित्त वर्ष 2026 में पेटीएम के पेमेंट सर्विस और यूजर एक्यूजिशन के कारण मजबूत वापसी की बात कही है।

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