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7th pay commission latest news: मध्य प्रदेश के 12 लाख कर्मचारी व पेंशनर्स का महंगाई भत्ता 8 महीने से अटका है। इसे लेकर तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। 

7th pay commission latest news: मध्यप्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारियों और 4.50 लाख पेंशनर्स महंगाई भत्ता यानी DA भुगतान की आस लगाए बैठे हैं। लेकिन अभी तक इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है। माना जा रहा है कि मोहन यादव सरकार लोकसभा चुनाव से पहले 8 महीने (जुलाई 2023) से अटके डीए का भुगतान कर कर्मचारियों को सौगात दे सकती है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने डीए भुगतान में देरी को लेकर प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं।

लाडली के साथ कर्मचारियों पर भी ध्यान दे सरकार
तिवारी ने कहा कि सरकार कर्मचारियों को महंगाई भत्ता का लाभ न देकर अन्य योजनाओं में बेहिसाब पैसा लुटा रही है। लाडली बहना त्योहार मना सकें, इसके लिए 10 की जगह 1 मार्च को पैसा मिलेगा। लेकिन 8 महीने से कर्मचारियों को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं मिल रहा है। कर्मचारी और पेंशनर भी तो इंसान हैं, उनके परिवारों को भी खुशी से त्योहार मनाने का मौका मिलना चाहिए। 12 लाख कर्मचारियों का वाहन भत्ता और मकान किराया भत्ता कई सालों से नहीं बढ़ा है। भाजपा सरकार जल्द से जल्द 4% महंगाई भत्ता/महंगाई राहत के आदेश जुलाई 2023 से जारी करे। 

कर्मचारियों को 56% तक DA का मिल सकता है लाभ 
मोहन यादव सरकार कर्मचारियों के महंगाई भत्ता यानी DA में 7% से 8% तक की वृद्धि कर सकती है। मार्च 2025 तक कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता 14 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। जिसके बाद DA 56% तक पहुंच जाएगा। इसके लिए सरकार अतिरिक्त फंड का इंतजाम कर रही है।

अभी कर्मचारियों को केंद्र से 4% कम DA मिल रहा  
फिलहाल मध्यप्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारियों को 42% DA मिल रहा है, जो केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले 46% से 4% कम है। इस बढ़ोतरी की मंजूरी के लिए वित्त विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे मुख्यमंत्री सचिवालय से मंजूरी मिलना है। इसी बीच, 1 जनवरी से केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में फिर से 4% वृद्धि का प्रस्ताव है, जिस पर केंद्र सरकार जल्द ही घोषणा कर सकती है। लोकसभा चुनाव यानी अप्रैल से पहले डीए के भुगतान की उम्मीद है। 

1 जुलाई 2023 से लंबित 4% DA का पेमेंट नहीं हुआ 
बता दें कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अक्टूबर में आचार संहिता लागू होने के कारण कर्मचारियों को 1 जुलाई 2023 से लंबित 4% डीए का भुगतान नहीं हो पाया था। इससे सरकार पर हर महीने 160 करोड़ रु. का अतिरिक्त खर्च बढ़ेगा। अगर इस बढ़े हुए DA के एरियर का भुगतान किया जाता है, तो इसका खर्च 1280 करोड़ रुपए होगा।

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