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Business News: साल 2022 में, भारत में आइसक्रीम बाजार का आकार 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा था, जबकि अगले पांच सालों में 13.49 फीसदी की सालाना वृद्धि दर का अनुमान है।

Business News: साल 2022 में, भारत में आइसक्रीम बाजार का आकार 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा था, जबकि अगले पांच सालों में 13.49 फीसदी की सालाना वृद्धि दर का अनुमान है। वैश्विक आइसक्रीम बाजार की बात करें तो साल 2018 में यह 62.4 बिलियन डॉलर था, जबकि साल 2025 तक इसके बढ़कर 97.3 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। 

इन दो तथ्यों से साफ है कि जैसे-जैसे धरती के तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही है, उसी रफ्तार से इंसान में गला तर करने वाली ठंडी चीजों की चाहत बढ़ रही है। साल 2021 में दुनिया का आइसक्रीम बाजार 79 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसके साल 2032 तक बढ़कर 132.32 बिलियन डॉलर तक हो जाने की उम्मीद है। 

इससे साफ है कि नए-नए स्वादों, प्रकारों के चलते क्या विकसित देश और क्या विकासशील सभी देशों में आइसक्रीम की मांग बढ़ रही है। आइसक्रीम का ग्लोबल वार्मिंग के साथ महज विरोधाभासी रिश्ता भर नहीं है बल्कि सूक्ष्म स्तर पर ही इससे यह साबित होता है कि बढ़ रही गर्मी की बेचैनी ने इंसान को आइसक्रीम जैसी ठंडी चीजों की तरफ आकर्षित किया है।

जानकारों की माने तो साल 2024 आइसक्रीम के करोबार के लिहाज से बहुत हॉट होने वाला है, विशेषकर भारत में जहां आशंका है कि इस साल बाकी सालों के मुकाबले 20 से 22 दिनों तक ज्यादा गर्मी पड़ेगी। साथ ही 13 से 17 दिन तक ज्यादा लू चलेगी। ऐसी स्थिति में ठंडी-ठंडी आइसक्रीम का कारोबार बढ़ेगा ही। खासकर तब, जब आइसक्रीम के बाजार में नए से नए एक्सपेरिमेंट भी हो रहे हैं। 

इसके अलावा आज अपने देश के लगभग सभी बड़े शहरों में इंडियन आइसक्रीम एक्सपो आयोजित होने लगे हैं। शादियां चाहे गली-मुहल्ले में टैंट लगाकर हो रही हों या पांच सितारा होटलों में, अपने देश में धीरे-धीरे ऐसी शादियां कम ही हो रही हैं, जहां खाने के बाद मीठे के तौर पर आइसक्रीम मौजूद न हो। इंडियन मैरिज बाजार के अध्ययन के मुताबिक पिछले एक दशक में शादियों में आइसक्रीम का चलन 20 फीसदी तक बढ़ा है और खान-पान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आइसक्रीम बन गई है। यह भी देखने में आ रहा है कि अब सिर्फ बच्चे ही आइसक्रीम के दीवाने नहीं हैं, अपने देश में होने वाली शादियों में 35 फीसदी से ज्यादा आइसक्रीम बूढ़े और अधेड़ खाते हैं।

डॉक्टर और मनोवैज्ञानिक दोनों इस निष्कर्ष से सहमत हैं कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते लोगों में गर्मी के एहसास की जो बेचैनी बढ़ी है, उस वजह से लोगों में मीठा और ठंडा खाने की ललक बढ़ रही है। मतलब साफ है कि जब आसमान से आग बरसेगी तो लोग खुद को तरोताजा रखने के लिए आइसक्रीम जैसी ठंडी चीजों की तरफ आकर्षित होंगे ही।
                        
नयनतारा
 

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