Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने की है प्लानिंग? कितने तरह के होते हैं MF, फायदे भी जानिए

म्युचूअल फंड्स से जुड़ी अहम बातें।
Mutual Funds: डिजिटल युग में निवेश करना पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा आसान हो गया है। अब घर बैठे मोबाइल ऐप या वेबसाइट के जरिए लोग म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसी कारण बीते कुछ वर्षों में म्यूचुअल फंड निवेशकों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिला है। खास बात यह है कि म्यूचुअल फंड में विशेषज्ञ फंड मैनेजर्स द्वारा निवेशकों के पैसे को बेहतर प्लानिंग के साथ बाजार में लगाया जाता है, जिससे कम जानकारी रखने वाले लोग भी बाजार से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
हर व्यक्ति की निवेश करने की सोच, जोखिम उठाने की क्षमता और लक्ष्य अलग होते हैं। इसी कारण म्यूचुअल फंड भी कई तरह के होते हैं, ताकि हर निवेशक अपनी जरूरत के अनुसार सही फंड चुन सके। मुख्य रूप से म्यूचुअल फंड को तीन प्रमुख कैटेगरी में बांटा गया है – इक्विटी, डेट और हाइब्रिड। आइए जानते हैं कि इनमें से कौन-सा फंड किसके लिए बेहतर हो सकता है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड: हाई रिटर्न, हाई रिस्क
इस फंड में निवेशकों के पैसे को शेयर बाजार की कंपनियों के स्टॉक्स में लगाया जाता है। यह फंड लंबी अवधि में बेहतरीन रिटर्न देने की क्षमता रखता है, लेकिन इसमें बाजार उतार-चढ़ाव का जोखिम भी बना रहता है। अगर आप युवा हैं, लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं और बाजार के जोखिमों को झेल सकते हैं, तो इक्विटी फंड आपके लिए बेहतर हो सकता है।
डेट म्यूचुअल फंड: कम जोखिम, स्थिर रिटर्न
इसमें फंड का पैसा सरकारी बॉन्ड, कॉरपोरेट डेट इंस्ट्रूमेंट और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसी सुरक्षित जगहों पर लगाया जाता है। यहां रिस्क बेहद कम होता है, लेकिन रिटर्न भी इक्विटी फंड की तुलना में कम होता है। यदि आप सीनियर सिटिजन हैं या पूंजी की सुरक्षा चाहते हैं, तो डेट म्यूचुअल फंड आपके लिए आदर्श है।
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड: बैलेंस रिटर्न और रिस्क
हाइब्रिड फंड इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करता है, जिससे जोखिम और रिटर्न दोनों का संतुलन बना रहता है। यह फंड मिड-टर्म निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो अधिक जोखिम नहीं उठाना चाहते, लेकिन सेविंग अकाउंट से बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं। पहली बार निवेश करने वालों के लिए हाइब्रिड म्यूचुअल फंड एक सुरक्षित शुरुआत हो सकता है।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से एडवाइज़र लें।)
