FDI In Insurance: बदल जाएगा भारत का इंश्योरेंस सेक्टर, सरकार बीमा क्षेत्र में 100% विदेशी निवेश को दे सकती मंजूरी

FDI Limit In Insurance: केंद्र सरकार बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 फीसदी करने की तैयारी में है।
FDI Limit In Insurance: बीमा क्षेत्र में बड़ा बदलाव जल्द सामने आ सकता है। केंद्र सरकार विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने पर मुहर लगाने वाली है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला शुक्रवार तक कैबिनेट की मंजूरी पा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका प्रस्ताव इसी साल फरवरी में पेश किया था, और अब इसे लागू करने का रास्ता लगभग साफ दिख रहा है।
सरकार का कहना है कि नई सीमा उन कंपनियों के लिए लागू होगी जो अपना पूरा प्रीमियम भारत में ही निवेश करेंगी। यानी विदेशी बीमा कंपनियों को यहां कारोबार बढ़ाने का मौका मिलेगा, लेकिन साथ ही उनकी कमाई भारत की अर्थव्यवस्था में ही घूमेगी। वित्त मंत्री ने यह भी साफ किया था कि बीमा क्षेत्र में FDI से जुड़ी पुरानी पाबंदियों और शर्तों को भी सरल किया जाएगा ताकि निवेशकों को ज्यादा लचीलापन मिल सके।
बीमा सेक्टर में 100% हो सकता FDI
बीमा उद्योग अगले पांच साल में 7.1% की सालाना रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है, जो दुनियाभर और उभरती अर्थव्यवस्थाओं की औसत ग्रोथ से ज्यादा है। ऐसे में सरकार चाहती है कि भारत इस संभावित ग्रोथ का पूरा फायदा उठाए। विदेशों से सीधे निवेश आने से कंपनियों के पास पूंजी बढ़ेगी, जिससे वे नए प्रोडक्ट ला पाएंगी, टेक्नोलॉजी में निवेश कर पाएंगी और देश में बीमा कवरेज को और बढ़ा पाएंगी।
विदेशी कंपनियां अकेले भारत में बीमा कंपनी खोल सकेंगी
सबसे बड़ा फायदा विदेशी कंपनियों के स्ट्रक्चर में आएगा। अभी तक उन्हें किसी भारतीय पार्टनर के साथ मिलकर काम करना पड़ता है ताकि 26% हिस्सा स्थानीय निवेश का पूरा हो। लेकिन 100% FDI की मंजूरी के बाद विदेशी कंपनियां अकेले ही भारत में बीमा कंपनी खोल सकेंगी। इससे सेक्टर में खिलाड़ियों की संख्या बढ़ेगी और आम ग्राहकों के लिए विकल्प भी ज्यादा होंगे।
सरकार को उम्मीद है कि यह कदम बीमा जगत में स्थिर और लंबे समय का निवेश लाएगा। बढ़ती प्रतिस्पर्धा से प्रीमियम पारदर्शी होंगे, सेवाओं में सुधार होगा और डिजिटल टेक्नोलॉजी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एडवांस्ड डेटा सिस्टम और बेहतर क्लेम प्रोसेसिंग टूल्स का इस्तेमाल बढ़ेगा। इससे बीमा लेने की प्रक्रिया भी तेज और आसान होगी।
कुल मिलाकर, 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी बीमा क्षेत्र में बड़ा गेम-चेंजर साबित हो सकती है। आने वाले दिनों में इसका असर न सिर्फ बीमा कंपनियों पर, बल्कि ग्राहकों की जेब और फैसलों पर भी साफ दिखाई देगा।
(प्रियंका कुमारी)
