मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में इन दिनों दिख रही सुस्ती, फिर भी जारी रखें एसआईपी

(एपी सिंह ) मुंबई। मिडकैप और स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स का प्रदर्शन हाल के महीनों में कमजोर रहा है। इसकी वजह से इन श्रेणियों में निवेश प्रवाह भी कम हो गया है। अक्टूबर महीने में मिडकैप फंड्स में निवेश 25% साल-दर-साल घटकर ₹3,807 करोड़ रह गया है, जबकि स्मॉलकैप फंड्स में 20% की गिरावट के साथ प्रवाह ₹3,476 करोड़ दर्ज किया गया है। 2023 और 2024 में जबरदस्त रिटर्न देने के बाद 2025 के दौरान इन फंड्स की कमजोर या एनीमिक परफॉर्मेंस ने निवेशकों की धारणा को थोड़ा कमजोर किया है। इसके बावजूद विशेषज्ञ लंबे समय वाले निवेशकों को यही सलाह दे रहे हैं कि वे अपनी एसआईपी (Systematic Investment Plan) जारी रखें और इस अस्थायी कमजोरी से घबराएं नहीं। इन सेक्टर्स में कुछ के बाद सुधार होगा, तो स्थितियां सुधर जाएंगी।
फ्लो क्यों धीमा हुआ है?
दरअसल, केवल मिडकैप और स्मॉलकैप ही नहीं, बल्कि पूरे इक्विटी बाजार में निवेश की रफ्तार अक्टूबर में धीमी हुई है। आंकड़ों के अनुसार, ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम्स में इनफ्लो 19% महीने-दर-महीने गिरा। बड़ी गिरावट खास तौर पर लार्जकैप फंड्स में 58% गिरावट और मल्टीकैप फंड्स में 30% गिरावट देखने को मिली है। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह गिरावट किसी एक श्रेणी की कमजोरी नहीं, बल्कि पूरे बाजार में देखने को मिल रहा दबाव है। पिछले दो सालों के शानदार रिटर्न के बाद निवेशक स्वाभाविक रूप से अधिक सतर्क हो रहे हैं। साथ ही, बाजार के ऊंचे वैल्यूएशन, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं और ब्याज दरों से जुड़े जोखिमों ने भी निवेश प्रवाह को धीमा किया है।
फिर एसआईपी जारी रखने की सलाह क्यों?
एसआईपी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बाजार के उतार-चढ़ाव को संतुलित करता है। कम कीमतों पर ज्यादा यूनिट मिलती हैं और ज्यादा कीमतों पर कम यूनिट जिसे रुपया लागत औसत (आरसीए या रुपी कॉस्ट एवरेजिंग ) कहा जाता है। मौजूदा गिरावट उन निवेशकों के लिए अवसर मानी जा रही है, जो लंबी अवधि के लिए मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में निवेश करते हैं, क्योंकि यही श्रेणियां लंबे समय में उच्च रिटर्न देने के लिए जानी जाती हैं। कुल मिलाकर, वर्तमान सुस्ती अस्थाई है। जियोजित फाइनेंशियल के विनोद बबेरवाल के अनुसार जिन निवेशकों ने अपना निवेश 5 से 7 साल तक जारी रखने को लेकर निवेश किया है, उन्हें अल्पकालिक गिरावट से प्रभिवित हुए बिना एसआईपी जारी रखनी चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी निवेश संबंधी सलाह नहीं है। म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार और अन्य वित्तीय उपकरण बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने जो राय दी है, हरिभूमि.कॉम उसकी सटीकता की गारंटी नहीं देता। निवेश से जुड़ा कोई भी निर्णय अपने विवेक से करें।
