लंबी अवधि को ध्यान में रखकर अच्छा पैसा बनाना चाहते हैं, तो मिडकैप फंड्स सबसे अच्छा विकल्प

लंबी अवधि को ध्यान में रखकर अच्छा पैसा बनाना चाहते हैं, तो मिडकैप फंड्स सबसे अच्छा विकल्प
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सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान याने एसआईपी (SIP) के जरिए लंबी अवधि में संपत्ति बनाने की सोच रखने वाले निवेशकों के लिए मिडकैप फंड्स बेहतरीन विकल्प साबित हो रहे हैं।

एपी सिंह) मुंबई। सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान याने एसआईपी (SIP) के जरिए लंबी अवधि में संपत्ति बनाने की सोच रखने वाले निवेशकों के लिए मिडकैप फंड्स बेहतरीन विकल्प साबित हो रहे हैं। फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि निवेशकों में मिडकैप म्यूचुअल फंड्स में 10 साल को ध्यान में रखकर एसआईपी करते हैं, तो उन्हें डबल-डिजिट रिटर्न मिलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। आंकड़े बताते हैं कि जिन निवेशकों ने मिडकैप फंड्स में लगातार 10 सालों तक एसआईपी की, उन्हें औसतन 17.4% का सालाना रिटर्न मिला। उल्लेखनीय है कि यह रिटर्न लार्ज कैप फंड्स (13%) और स्मॉल कैप फंड्स (14.8%) दोनों से काफी अधिक है।

मिडकैप फंड्स इस तरह पोर्टफोलियो में अतिरिक्त रिटर्न उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं। फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के अनुसार निवेशक अपनी इक्विटी पोर्टफोलियो का लगभग 40% हिस्सा मिडकैप फंड्स में निवेश कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए 10 साल तक एसआईपी जारी रखना जरूरी है। इसका फायदा यह होता है कि इस अवधि में बाजार के उतार-चढ़ाव औसत हो जाते हैं और निवेशक बेहतर रिटर्न हासिल कर पाते हैं। व्हाइटओक कैपिटल के एक अध्ययन में सामने आया है कि 10 साल की एसआईपी अवधि में मिडकैप फंड्स ने 98% मामलों में 10% से अधिक रिटर्न दिया, 95% मामलों में 12% से ज्यादा और लगभग 79% मामलों में 15% से अधिक रिटर्न दिया।

इसके मुकाबले लार्ज कैप फंड्स ने 15% से ऊपर रिटर्न देने में सिर्फ 15% ने सफलता पाई, जबकि स्मॉल कैप फंड्स 55% मामलों में ही 15% से ऊपर जा सके। विशेषज्ञों के अनुसार मिडकैप कंपनियां अक्सर नए सेक्टर, उभरते उद्योगों और उन बिजनेस लीडर्स तक पहुंच देती हैं, जो अभी बड़े कैप इंडेक्स में शामिल नहीं होते। इन्हीं कारणों से मिडकैप फंड्स में ग्रोथ की संभावनाएं अधिक होती हैं। निफ्टी मिडकैप 150 TRI इंडेक्स ने निफ्टी 50 TRI की तुलना में 5 साल, 10 साल और 15 साल की अवधि में क्रमशः 10.1%, 4.7% और 4.1% बेहतर रिटर्न दिया है। हालांकि मिडकैप वैल्यूएशन अभी भी ऊंचे हैं, लेकिन पिछले साल के मुकाबले काफी नीचे आए हैं। एक साल पहले जहां निफ्टी मिडकैप 150 का P/E 43.5 था, वही अब घटकर 34.8 रह गया है।

फंड मैनेजरों का मानना है कि मिडकैप कंपनियां कम लिक्विडिटी और सीमित इन्वेस्टेबल स्टॉक्स के कारण तेजी से बढ़ती हैं, जिससे उन पर निवेशकों की पकड़ मजबूत रहती है। सेबी के नियमों के अनुसार मिडकैप फंड्स को 101 से 250 रैंक वाली कंपनियों में निवेश करना होता है, जिससे विकल्प सीमित लगते हैं, लेकिन नई कंपनियों की लिस्टिंग इसे संतुलित कर देती है। वेल्थ एडवाइजर्स का कहना है कि जिन निवेशकों में मॉडरेट रिस्क लेने की क्षमता है, वे 10 साल तक लगातार एसआईपी जारी रखकर मिडकैप फंड्स के जरिए मजबूत लंबी अवधि की वेल्थ बना सकते हैं। अनुशासित और दीर्घकालिक निवेश ही मिडकैप में अच्छे रिटर्न की कुंजी है।

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