महंगाई ने तोड़ा 10 साल का रिकॉर्ड: अक्टूबर में कीमतें धड़ाम, आम आदमी को बड़ी राहत

Inflation breaks 10-year record, lowest prices in October.
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महंगाई ने तोड़ा 10 साल का रिकॉर्ड, अक्टूबर में कीमतें सबसे कम

अक्टूबर 2025 में खुदरा महंगाई 10 साल के निचले स्तर 0.25% पर। खाद्य कीमतों में भारी गिरावट, GST कटौती का असर, आम आदमी को बड़ी राहत।

(एपी सिंह): महंगाई ने आखिरकार आम आदमी को बड़ी राहत दी है। अक्टूबर 2025 में भारत की खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) गिरकर 0.25% पर आ गई, जो पिछले 10 सालों में सबसे निचला स्तर है। इससे पहले सितंबर में यह दर 0.54% दर्ज की गई थी।

महंगाई में यह ऐतिहासिक गिरावट देश की अर्थव्यवस्था और आम उपभोक्ताओं के लिए बेहद सकारात्मक संकेत लेकर आई है। लगातार बढ़ती कीमतों की मार झेल रही जनता के लिए यह खबर किसी राहत से कम नहीं, क्योंकि लंबे समय बाद रोजमर्रा की चीजें सस्ती हुई हैं और परिवार का बजट पटरी पर आता दिख रहा है।

सरकार और आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई में इस गिरावट के पीछे सबसे बड़ी वजह खाद्य कीमतों में आई भारी कमी और जीएसटी (GST) दरों में कटौती है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में खाद्य वस्तुओं का बड़ा योगदान होता है और अक्टूबर में इनमें 5.02% की सालाना गिरावट दर्ज की गई।

सबसे बड़ा असर सब्जियों के दामों पर देखा गया, जो 27.57% तक गिर गए, जबकि सितंबर में यह गिरावट 21.38% थी। यानी आम रसोई से जुड़ी चीजें और भी सस्ती हुई हैं, जिससे सीधे तौर पर जनता को राहत मिली है।

खास बात यह है कि यह लगातार चौथा महीना है जब महंगाई दर आरबीआई के 4% लक्ष्य से नीचे रही है। इतना ही नहीं, यह लगातार सातवां महीना भी है जब महंगाई केंद्रीय बैंक की 6% की ऊपरी सीमा से नीचे बनी हुई है। यह साफ संकेत है कि महंगाई अब नियंत्रण में है और अर्थव्यवस्था स्थिरता की ओर बढ़ रही है।

महंगाई में कमी का असर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में देखने को मिला। ग्रामीण इलाकों में महंगाई दर -4.85%, जबकि शहरी क्षेत्रों में -5.18% दर्ज की गई, जो बताता है कि बढ़ती कीमतों की मार से समाज के हर वर्ग को बड़ी राहत मिल रही है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी इस रुझान से उत्साहित दिखाई दे रहा है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 में औसत महंगाई 2.6% रहने का अनुमान लगाया है, जो पहले के 3.1% के अनुमान से भी कम है।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने संकेत दिया है कि महंगाई में स्थिरता को देखते हुए आने वाले महीनों में ब्याज दरों में 25 से 50 आधार अंकों तक कटौती की जा सकती है, जिसके बाद ईएमआई, होम और कार लोन पर भी आम जनता को राहत मिल सकती है।

कुल मिलाकर, अक्टूबर में महंगाई के आंकड़े देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद सकारात्मक संकेत दे रहे हैं। बढ़ती कीमतों पर लगाम, स्थिर बाजार और संभावित ब्याज दरों में कटौती से आने वाले महीनों में आम आदमी की जेब पर दबाव और कम होने की उम्मीद बढ़ गई है, जिससे उपभोक्ता खर्च और आर्थिक विकास दोनों को नया बूस्ट मिल सकता है।

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