बंपर धमाका: मीशो ने 46% प्रीमियम पर शेयर बाजार में की धमाकेदार लिस्टिंग, निवेशकों की बल्ले-बल्ले

(एपी सिंह ) मुंबई। मीशो ने बुधवार को शेयर बाजार में शानदार शुरुआत की है। कंपनी के शेयर आईपीओ मूल्य से 46% अधिक प्रीमियम पर लिस्ट होकर निवेशकों को उम्मीद से ज्यादा रिटर्न दिया। 3 से 5 दिसंबर के बीच खुले इस आईपीओ को प्राथमिक बाजार में 79 गुना जबरदस्त सब्सक्रिप्शन मिला था, जिससे लिस्टिंग के दिन ही बड़े लाभ की उम्मीद बन गई थी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर मीशो के शेयर ₹162.50 पर सूचीबद्ध हुए, जबकि आईपीओ का प्राइस बैंड ₹105–111 प्रति शेयर था। यानी निवेशकों को लगभग 46.4% का तात्कालिक फायदा मिला। बीएसई पर भी ₹161.20 पर लिस्टिंग हुई, जो 45% से अधिक का प्रीमियम है। लिस्टिंग के बाद कंपनी का बाज़ार पूंजीकरण लगभग ₹72,752 करोड़ तक पहुंच गया।
दिलचस्प बात यह है कि यह लिस्टिंग ग्रे मार्केट की उम्मीद से भी बेहतर रही, जहां मीशो के लिए करीब 39% लिस्टिंग गेन का अनुमान लगाया जा रहा था। इसके अलावा, आईपीओ के पहले दिन ही इसे 2.35 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था, और पहले ही एंकर निवेशकों से कंपनी ने ₹2,439 करोड़ जुटा लिए थे।
मीशो ने भारत के ई-कॉमर्स बाजार में अपनी एक अनोखी पहचान बनाई है, खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में। जहां अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियां पैठ बनाने में संघर्ष करती हैं, वहीं मीशो ने कम कीमत वाले उत्पाद, स्थानीय विक्रेताओं की बड़ी संख्या और हल्के-फुल्के व्यवसाय मॉडल की वजह से अपनी मजबूत पकड़ बनाई है। यही वजह है कि निवेशकों का विश्वास इसके बिजनेस मॉडल में लगातार बढ़ा है।
वित्तीय दृष्टि से देखें तो FY25 में मीशो फ्री कैश फ्लो सकारात्मक करने में सफल रहा है, हालांकि नेट प्रॉफिट अभी भी कुछ एकबारगी खर्चों के कारण नकारात्मक है। विशेषज्ञों का मानना है कि ₹50,000 करोड़ के वैल्यूएशन पर कंपनी 5.5 गुना प्राइस-टू-सेल्स (P/S) पर ट्रेड कर रही है, जो कि जोमैटो जैसे प्लेटफार्म की तुलना में काफी आकर्षक है-जो अक्सर 10 गुना या उससे अधिक पर ट्रेड होता है। इसके अलावा, भारत में यह एकमात्र value e-commerce कंपनी है जो लिस्टेड है, जिससे इसे scarcity premium मिलता है, यानी इसकी तरह कोई दूसरा शेयर उपलब्ध नहीं है, इसलिए निवेशक इसे अतिरिक्त महत्व देते हैं।
मीशो के शेयर को लेकर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है, लेकिन बहुमत का झुकाव सकारात्मक है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अजय चौरे का मानना है कि लिस्टिंग के बाद भी लंबे समय के लिए इसमें निवेश आकर्षक हो सकता है। वहीं, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद बबेरवालका कहना है कि कंपनी का फोकस स्केलेबिलिटी, यूजर ग्रोथ और वैल्यू-ड्रिवन मॉडल पर है, इसलिए मीडियम से लॉन्ग टर्म में यह शेयर निवेशकों को अच्छे रिटर्न दे सकता है। कंपनी जुटाई गई रकम को क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश, मार्केटिंग, ब्रांड बिल्डिंग, अधिग्रहण और अन्य रणनीतिक विस्तार में उपयोग करेगी। कुल मिलाकर, मीशो की लिस्टिंग न केवल निवेशकों के लिए लाभदायक रही है बल्कि यह दर्शाती है कि भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर में वैल्यू-फोकस्ड बिज़नेस मॉडल की संभावनाएँ अभी भी बहुत मजबूत हैं।
