Marriage Loan: मैरिज के लिए ले सकते हैं लोन, जानिए कौन सी बैंक, NBFC दे रहीं कर्ज; ब्याज दरें भी जानें

Marriage loan interest rates and more details
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मैरिज लोन का इंट्रेस्ट रेट हाई रहता है।
Marriage Loan: आजकल शादी के लिए मैरिज लोन लेने का चलन शुरू हो गया है। आप भी अगर मैरिज लोन लेने में दिलचस्पी रखते हैं तो ये लेख आपके काम आ सकता है।

Marriage Loan: शादी जीवन का एक बड़ा और यादगार मौका होता है, लेकिन इसके साथ ही यह जेब पर भारी पड़ने वाला आयोजन भी है। शादी में वेन्यू, गहने, कपड़े, खानपान और डेकोरेशन जैसे कई खर्चे होते हैं, जो कई बार बजट से बाहर चले जाते हैं। ऐसे में अगर आपकी सेविंग्स कम हैं, तो बैंक या एनबीएफसी (नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) से लिया गया मैरिज लोन एक अच्छा विकल्प बन सकता है।

आज के दौर में कई बैंक और वित्तीय संस्थाएं खासतौर पर शादी के खर्चों के लिए पर्सनल लोन ऑफर कर रही हैं। इन लोन की ब्याज दरें, आवेदन प्रक्रिया और शर्तें संस्थान के अनुसार अलग-अलग हो सकती हैं। यहां जानिए किन बैंकों और कंपनियों से आप यह लोन ले सकते हैं और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

किन बैंकों और कंपनियों से मिल रहा है मैरिज लोन?

फिलहाल बाजार में HDFC बैंक, ICICI बैंक, SMFG इंडिया क्रेडिट, बजाज फिनसर्व और टाटा कैपिटल जैसे संस्थान शादी के खर्चों के लिए पर्सनल लोन ऑफर कर रहे हैं। इनकी लोन राशि ₹35,000 से लेकर ₹35 लाख तक हो सकती है और ब्याज दरें औसतन 11% से 24% तक रहती हैं। अधिकतर कंपनियां ऑनलाइन आवेदन और त्वरित अप्रूवल की सुविधा देती हैं। लोन की अवधि 12 से 60 महीने तक हो सकती है और प्रोसेसिंग फीस आमतौर पर 1% से 3% के बीच होती है।

मैरिज लोन एक अनसिक्योर्ड लोन होता है

मैरिज लोन पर्सनल लोन की श्रेणी में आता है और यह अनसिक्योर्ड लोन होता है, यानी इसमें आपको किसी भी प्रकार की संपत्ति या गारंटी गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती। यही वजह है कि बैंक या एनबीएफसी इसे जारी करने से पहले उधारकर्ता की आय, चुकाने की क्षमता और क्रेडिट हिस्ट्री को अच्छी तरह परखते हैं। चूंकि इसमें रिस्क ज्यादा होता है, इसलिए इसकी ब्याज दरें सिक्योर्ड लोन की तुलना में थोड़ी अधिक हो सकती हैं।

अच्छा क्रेडिट स्कोर है पहली शर्त

मैरिज लोन के लिए आवेदन करते समय सबसे पहली चीज़ जो बैंक या फाइनेंस कंपनी देखती है, वह है आपका क्रेडिट स्कोर। आमतौर पर 750 या उससे ऊपर का स्कोर एक आदर्श मापदंड माना जाता है। अगर आपका स्कोर अच्छा है, तो लोन आसानी से मंजूर हो जाता है और ब्याज दर भी अपेक्षाकृत कम लगाई जाती है। वहीं, कम स्कोर होने पर लोन रिजेक्ट होने की आशंका भी बढ़ जाती है, या फिर ब्याज दर अधिक लग सकती है।

(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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