उज्ज्वला योजना: सब्सिडी पर नहीं मिलेंगे 12 सिलेंडर, तेल कंपनियों के घाटे की भरपाई करेगी सरकार

उज्ज्वला योजना: सब्सिडी पर नहीं मिलेंगे 12 सिलेंडर, तेल कंपनियों 30 हजार करोड़ देगी सरकार
LPG Subsidy: केंद्र सरकार ने एलपीजी सिलेंडर से जुड़े दो महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। पहला, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) को लागत से कम दाम पर एलपीजी बेचने से हुए ₹30,000 करोड़ के घाटे की भरपाई 12 किश्तों में की जाएगी। दूसरा, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सालाना दिए जाने वाले सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या 12 से घटाकर 9 कर दी गई है।
OMCs को 12 किश्तों में मुआवजा
सरकार ने तेल कंपनियों के लिए ₹30,000 करोड़ कैश मुआवजा मंजूर किया है। इसका भुगतान 12 किश्तों में किया जाएगा। पहली किश्त सितंबर-अक्टूबर 2025 में जारी होगी। वित्त वर्ष 2026 में ₹15,000 करोड़, शेष राशि वित्त वर्ष 2027 में दी जाएगी।
एकमुश्त भुगतान करने से राजकोषीय घाटा 8 बेसिस प्वाइंट बढ़ सकता था, इसलिए इसे दो वित्तवर्ष में विभाजित किया गया है। सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2026 में 4.4% GDP वित्तीय घाटा बनाए रखना है।
PM उज्ज्वला योजना में बदलाव
PM उज्ज्वला योजना के तहत अभी सब्सिडी वाले 12 सिलेंडर हर साल मिलते थे, लेकिन सरकार ने इनकी संख्या घटाकर 9 कर दी है। हालांकि, सब्सिडी ₹300 प्रति 14.2 किग्रा सिलेंडर पर बरकरार है।
वित्त वर्ष 2026 के लिए उज्ज्वला योजना के लिए ₹12,060 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, उज्ज्वला परिवारों की औसत खपत वित्त वर्ष 2020 में 3 रिफिल से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 4.47 रिफिल हो गई।
सरकार के फैसले समाज में असर?
सरकार के इस फैसले से देश के लाखों गरीब परिवार सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। उज्ज्वला योजना में सब्सिडी बनी रहने से उन्हें राहत तो मिलेगी, लेकिन सालाना रिफिल सीमा घटा देने से खपत पर असर पड़ेगा। वहीं किश्तों में मुआवजा देने से वित्तीय दबाव कम होगा।
