Madhabi Puri Buch: पूर्व सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच को क्लीन चिट, हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर आधारित आरोप खारिज; जानें लोकपाल ने क्या कहा?

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माधबी पुरी बुच को क्लीन चिट, हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर आधारित आरोप खारिज

Madhabi Puri Buch: भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को क्लीनचिट दे दी। उनके खिलाफ दर्ज शिकायतों को लोकपाल ने अप्रमाणित और तुच्छ करार दिया है। हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट पर आधारित इन शिकायतों में अदाणी समूह को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।

लोकपाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि- शिकायतों में लगाए गए आरोप केवल अनुमानों पर आधारित हैं। सत्यापन योग्य कोई साक्ष्य नहीं है। ऐसे में इन आरोपों की जांच की कोई जरूतर नहीं है। लोकपाल ने आगे कहा, शिकायतें ठोस दस्तावेज़ी साक्ष्य के बिना की गई हैं, इसलिए इन्हें निरस्त किया जाता है।

कौन हैं माधबी पुरी बुच?
माधबी पुरी बुच SEBI की पहली महिला चेयरपर्सन थीं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने डेटा-ड्रिवन और तकनीकी उपायों को बढ़ावा दिया। स्टॉक मार्केट में पारदर्शिता और निवेशकों के हित संरक्षण की दृष्टि से माधबी पुरी बुच का कार्यकाल बेहद अहम माना जा रहा है।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट क्या थी?
हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने 2023 में एक रिपोर्ट प्रकाशित कर अदाणी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं और स्टॉक में हेरफेर संबंधी गंभीर आरोप लगाए थे। हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट के बाद SEBI प्रमुख की भूमिका पर सवाल उठने लगे थें। कुछ संगठनों ने माधबी पुरी बुच पर पक्षपात का आरोप भी लगाया।

आर्थिक हलकों में मिली-जुली प्रतिक्रिया
लोकपाल के फैसले से सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच को राहत मिल गई है, लेकिन कुछ लोग इस पर भी सवाल उठा रहे हैं। हालांकि, कई लोगों ने इसे न्याय प्रक्रिया की मिसाल भी बताया है। वहीं विपक्ष से जुड़े लोग इसे संस्थागत पारदर्शिता पर सवाल उठने के बाद की सफाई मान रहे हैं।

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