Loan Against MF: इमरजेंसी में म्यूचुअल फंड से पैसा निकालें या इस पर लोन लें? जानिए क्या रहेगा बेहतर विकल्प

Loan Against Mutual Funds
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म्यूचुअल फंड के अगेंस्ट लोन लेना अच्छा विकल्प है।

Loan Against MF: इमरजेंसी में म्यूचुअल फंड से लोन लेना एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है। जानते हैं इससे जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियां।

Loan Against MF: जिंदगी में इमरजेंसी कभी दरवाज़ा खटखटाकर नहीं आती और ऐसी स्थिति में सबसे बड़ी चिंता होती है पैसों का इंतज़ाम। जब सेविंग्स की बात आती है तो आजकल अधिकतर लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। लेकिन जब अचानक पैसों की जरूरत होती है तो सवाल उठता है म्यूचुअल फंड से पैसा निकालें या फिर उसके अगेंस्ट लोन लें?

इस स्थिति में जल्दबाज़ी करना नुकसान का सौदा हो सकता है। इसलिए सही विकल्प चुनना बेहद ज़रूरी है। निवेश बरकरार रखते हुए जरूरत के मुताबिक लोन लेना या फिर जरूरत ज्यादा गंभीर हो तो पैसा निकाल लेना दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। आइए जानते हैं इन विकल्पों का फर्क और कौन सा आपके लिए बेहतर रहेगा।

म्यूचुअल फंड से पैसा निकालना कब सही है?

अगर आपने लिक्विड फंड, ओपन-एंडेड या बिना लॉक-इन वाले फंड्स में निवेश किया है तो पैसा निकालना बेहद आसान होता है। ऐसी स्थिति में आपको 24 घंटे के भीतर फंड्स मिल सकते हैं, जो इमरजेंसी में तुरंत कैश की जरूरत को पूरा कर सकते हैं। हालांकि इसका एक बड़ा नुकसान यह है कि निवेश टूटने से आपके लॉन्ग टर्म रिटर्न पर असर पड़ता है और बाजार की गिरावट के समय पैसा निकालने पर नुकसान हो सकता है।

म्यूचुअल फंड पर लोन कैसे काम करता है?

Loan Against Mutual Funds (LAMF) का मतलब है कि आप अपने म्यूचुअल फंड यूनिट्स को गिरवी रखकर बैंक या NBFC से लोन ले सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपका निवेश जारी रहता है और आपको उस पर रिटर्न मिलता रहता है। साथ ही यह सिक्योर लोन होने के कारण इसकी ब्याज दरें पर्सनल लोन से कम होती हैं और प्रोसेस भी तेज होती है।

किसे चुनना बेहतर?

अगर आपकी जरूरत थोड़े समय के लिए है और आप धीरे-धीरे लोन चुकाने में सक्षम हैं, तो म्यूचुअल फंड पर लोन लेना एक स्मार्ट विकल्प हो सकता है। इससे आपका निवेश भी बरकरार रहेगा और इमरजेंसी में पैसे की जरूरत भी पूरी हो जाएगी। लेकिन अगर जरूरत बहुत जरूरी और गंभीर है, और आपके फंड्स पर अच्छा रिटर्न मिल चुका है, तो पैसा निकाल लेना ज्यादा सही रहेगा।

इमरजेंसी में फंड निकालना हो या लोन लेना फैसला आपकी जरूरत और परिस्थिति के अनुसार होना चाहिए। जल्दीबाज़ी की जगह सूझबूझ से काम लें, ताकि फाइनेंशियल प्लानिंग पर लंबी अवधि में असर न पड़े।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें।)

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