Financial Tips: बिना रिडीम किए आप अपने म्यूचुअल फंड पर ले सकते हैं लोन, जानिए क्या हैं इसके हानि- लाभ ?

बिना रिडीम किए आप अपने म्यूचुअल फंड पर ले सकते हैं लोन, जानिए क्या हैं इसके हानि- लाभ ?
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(एपी सिंह ) मुंबई। म्यूचुअल फंड को आमतौर पर लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए रखा जाता है। लोग जरूरत पड़ने पर भी इन्हें छूना नहीं चाहते। बहुत कम लोग जानते हैं कि म्यूचुअल फंड को बेचे बिना उस पर लोन लिया जा सकता है। लोन अगेंस्ट म्यूचुअल फंड एक ऐसा विकल्प है, जिसमें आप अपने निवेश को बेचे बिना उस पर लोन ले सकते हैं। इसे कहते हैं Loan Against Mutual Funds (LAMF)-यानी आपका इन्वेस्टमेंट आपके लिए एक इमरजेंसी ATM की तरह काम करने लगता है।

निवेश आपके ही नाम पर रहता है, बस बैंक या NBFC उसे सुरक्षा के रूप में अपने पास गिरवी रख लेते हैं। इस दौरान आपको बाजार के उतार-चढ़ाव का भी फायदा और डिविडेंड भी मिलता रहता है। फर्क इतना है कि जब तक लोन पूरी तरह चुकता नहीं हो जाता, तब तक आप उन यूनिट्स को बेच नहीं सकते।

सामान्यतः, लोन की राशि आपकी यूनिट्स के मौजूदा बाजार मूल्य के प्रतिशत के रूप में मिलती है। इक्विटी म्यूचुअल फंड पर यह प्रतिशत कम होता है, क्योंकि कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव की संभावना ज्यादा रहती है। वहीं डेट या लिक्विड फंड पर अधिक लोन मिलता है क्योंकि उनमें जोखिम अपेक्षाकृत कम होता है।

आजकल पूरा प्रोसेस ऑनलाइन ही हो जाता है। आप बैंक या NBFC के पोर्टल पर लॉग इन कर के लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज चुनते हैं, फंड होल्डिंग देखने की अनुमति देते हैं और जिन स्कीम्स को गिरवी रखना है, उन्हें चुनते हैं। अगर यूनिट्स डिमैट में हैं, तो NSDL/CDSL के जरिए Pledge बनता है।

SOA फॉर्म ((जब आपकी म्यूचुअल फंड यूनिट्स Demat अकाउंट में नहीं होतीं, तो उन्हें Statement of Account (SOA) फॉर्म में रखा जाता है।) में हों तो कई बैंक रजिस्ट्रार के साथ इंटीग्रेशन के जरिए उन्हें भी Pledge कर लेते हैं। Pledge ऑथेंटिकेट होते ही आपको लोन या ओवरड्राफ्ट लिमिट मिल जाती है।

फंड का मूल्य गिरने पर जोखिम बढ़ता है। अगर बाजार नीचे आता है और आपकी यूनिट्स की कीमत घटती है, तो बैंक मार्जिन कॉल भेज सकता है यानी या तो कुछ लोन चुकाओ या और यूनिट्स गिरवी रखो। अनदेखा करने पर बैंक आपके निवेश का कुछ हिस्सा बेच भी सकता है। लोन की ब्याज दर व्यक्तिगत लोन से कम जरूर होती है, लेकिन इसे सस्ता लोन समझना भी गलत है।

इसे लंबे समय तक खींचने पर ब्याज काफी बढ़ सकता है। साथ ही प्रोसेसिंग फीस, प्लेज/डी-प्लेज चार्ज और पेनल्टी भी कुल लागत को बढ़ा सकते हैं। यह लोन उन लोगों के लिए गलत विकल्प है जो इसे छुट्टियों, गैजेट्स या ट्रेडिंग जैसे खर्चों के लिए लेना चाहते हैं। अगर आपकी आय अस्थिर है या पहले से EMI का बोझ है, तो यह विकल्प आपका जोखिम और बढ़ा देगा।

इस सुविधा का सही उपयोग तभी है, जब आप इसे कम समय (6–18 महीने) में चुकाने का स्पष्ट प्लान रखें, ओवरड्राफ्ट मॉडल का चुनाव करें जिसमें जितनी रकम उपयोग करें, सिर्फ उसी पर ब्याज लगे, और बाजार की स्थिति पर नजर रखें ताकि मार्जिन कॉल अचानक न आए।

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