Life insurance Claims: लाइफ इंश्योरेंस क्लेम में देरी और रिजेक्शन क्यों होते हैं, कंपनियां क्या छुपाती, जानें

Life insurance Claims: लाइफ इंश्योरेंस क्लेम क्यों अटक जाता है।
Life insurance claims: लाइफ इंश्योरेंस परिवार को मुश्किल वक्त में आर्थिक सुरक्षा देने का वादा करता है। लेकिन कई बार क्लेम की प्रक्रिया में देरी या रिजेक्शन परिवार को और परेशानी में डाल देती है। सबसे आम कारण होता है, सही जानकारी न देना, अधूरे दस्तावेज़, क्लेम की देरी से जानकारी देना या पॉलिसी में गड़बड़। अगर ये दिक्कतें सामने आती हैं तो बीमा कंपनियां क्लेम रोक सकती हैं या जांच लंबी खींच सकती।
क्लेम रिजेक्शन का सबसे आम कारण होता है पॉलिसी लेते समय गलत या अधूरी जानकारी देना। बहुत से लोग अपनी बीमारी, स्मोकिंग या शराब पीने की आदत, या पुरानी मेडिकल हिस्ट्री छुपा लेते हैं ताकि प्रीमियम कम हो जाए। लेकिन बाद में यही गलती परिवार के लिए भारी पड़ जाती है। बीमा कंपनियां क्लेम से पहले पूरी जांच करती हैं और ग़लती पकड़ने पर सीधे क्लेम रिजेक्ट कर देती। इसलिए पॉलिसी लेते समय मेडिकल हिस्ट्री, लाइफस्टाइल और आर्थिक जानकारी बिल्कुल साफ बताना ही सबसे सुरक्षित तरीका है।
समय पर क्लेम करना ज़रूरी
कई बार देरी कंपनी की नहीं, बल्कि नॉमिनी की वजह से भी होती है। ज़्यादातर कंपनियां चाहती हैं कि क्लेम एक तय समयसीमा में बताया जाए। अगर समय पर जानकारी न दी जाए तो कंपनी अतिरिक्त दस्तावेज़ मांग सकती है या शक की नज़र से देख सकती। अक्सर परिवार शोक में होने के कारण कागज़ी काम टाल देते लेकिन यही देरी बाद में दिक्कत खड़ी करती है। इसलिए परिवार को पॉलिसी की शर्तों और कंपनी के हेल्पलाइन नंबर जैसी ज़रूरी जानकारी पहले से पता होनी चाहिए।
दस्तावेज़ की कमी भी रोकती है क्लेम
सही दस्तावेज़ न होने पर भी क्लेम अटक जाता है। जैसे डेथ सर्टिफिकेट, अस्पताल के बिल, पहचान पत्र इत्यादि देने ज़रूरी हैं। छोटे-छोटे अंतर, जैसे पते, बैंक खाते या नाम में ग़लती भी फाइल को इधर-उधर कर सकते। अगर नॉमिनी डिटेल्स समय-समय पर अपडेट की जाएं और सभी रिकॉर्ड एक जैसे हों, तो क्लेम आसानी से पास हो जाता।
क्लेम आसानी से पास कराने के उपाय
- पॉलिसी लेते वक्त पूरी पारदर्शिता रखें।
- दस्तावेज़ अपडेटेड और त्रुटि रहित रखें।
- परिवार को क्लेम प्रक्रिया के बारे में पहले से जानकारी दें।
- ऐसी बीमा कंपनी चुनें जिनका क्लेम सेटलमेंट रेशियो अच्छा हो।
साफ है कि अगर लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं तो फिर अपने दस्तावेजों को दुरुस्त रखने के साथ ही कंपनी से जुड़ी सारी जानकारी भी रखें, ताकि क्लेम के समय परेशानी न हो।
