एविएशन क्रांति: भारत में फ्लाइट किराया हो सकता है आधा, जोमैटो के दीपिंदर गोयल ने किया बड़ा निवेश

LAT एयरोस्पेस में निवेश, छोटे शहरों के लिए सस्ती हवाई यात्रा का सपना होगा साकार
Affordable Air Travel in India: भारत में एविएशन क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने नए एविएशन स्टार्टअप LAT एयरोस्पेस में बड़ा निवेश किया है। उनका उद्देश्य भारत के छोटे शहरों को सस्ती, तेज़ और सुविधाजनक हवाई यात्रा शुरू करना है। स्टार्टअप की को-फाउंडर सुरभि दास हैं, जो पहले जोमैटो की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर थीं।
417 करोड़ की फंडिंग मिली
LAT एयरोस्पेस ने अब तक लगभग $50 मिलियन (₹417 करोड़) की फंडिंग जुटाई है।जिसमें से $20 मिलियन (₹167 करोड़) की फंडिंग दीपिंदर गोयल ने की है। सुरभि दास ने यह जानकारी LinkedIn पोस्ट कर दी है।
छोटे शहरों के लिए LAT एयरोस्पेस का मिशन
- भारत में आज भी 10 में से केवल 1 व्यक्ति ने ही हवाई यात्रा की है। इसका मुख्य कारण, छोटे शहरों तक सीमित एविएशन पहुंच और उसकी महंगी टिकट हैं। LAT एयरोस्पेस इस समस्या के समाधान के लिए कई स्तर पर काम कर रहा है।
- LAT एयरोस्पेस ने 12 से 24 सीटों वाले शॉर्ट टेकऑफ एंड लैंडिंग (STOL) एयरक्राफ्ट डिजाइन कराए हैं। जो छोटे एयर-स्टॉप्स से उड़ान भर सकेंगे और पार्किंग लॉट जितने छोटे होंगे। न लंबी सिक्योरिटी चेक लाइनें होंगी और न बैगेज बेल्ट। 1500 किलोमीटर की रेंज होगी। यानी दिल्ली से कोलकाता जैसी दूरी आराम से तय कर सकेंगे।
- भारत में 450+ एयरस्ट्रिप्स हैं, लेकिन केवल 150 पर ही कॉमर्शियल उड़ानें संचालित होती हैं। LAT का उद्देश्य इन बेरोज़गार एयरस्ट्रिप्स को फिर से एक्टिव कर छोटे कस्बों को एयर सर्विस से जोड़ना है।
कंपनी की टीम और टेक्नोलॉजी फोकस
कंपनी तेजी से अपनी टेक्निकल टीम बढ़ा रही है और एयरोस्पेस इंजीनियरों, सिस्टम डिज़ाइनर्स और फ्लाइट टेक्नोलॉजी के शौकीनों को भर्ती कर रही है। LAT एयरोस्पेस भविष्य में eVTOL (Electric Vertical Takeoff and Landing) टेक्नोलॉजी पर भी फोकस कर सकती है — जो बिना रनवे के भी उड़ान भर सकती है।
चुनौतियाँ और सवाल
भारत में एविएशन इंडस्ट्री को रेगुलेटरी मंजूरी, सेफ्टी स्टैंडर्ड और लोगों के भरोसे जैसे कई चुनौतियों से जूझना पड़ता है। हालिया विमान दुर्घटनाएं (जैसे Air India 787 हादसा) लोगों की चिंता को और गहरा करती हैं। इसलिए LAT को सख्त मानकों के साथ-साथ विश्वसनीय टेक्नोलॉजी और सेवा अनुभव देना होगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
एविएशन कंसल्टेंट संजय लज़ार का मानना है कि अगर LAT सस्ते, हल्के और किफायती एयरक्राफ्ट ला पाती है, खासकर, eVTOL जैसे तो यह भारत की रीजनल एविएशन का भविष्य बदल सकता है। वहीं परवेज़ दमणिया ने सतर्कता बरतने की सलाह दी। कहा, अल्ट्रा-लो-कॉस्ट एयरलाइन्स की लागतें अब भी डॉलर में होती हैं। चाहे फ्यूल हो, स्पेयर पार्ट्स या पायलट्स की सैलरी। यह मॉडल तभी टिकेगा, जब सरकार सपोर्ट दे।
50-80% सस्ती हो सकती है हवाई यात्रा
ऑलइन कैपिटल के फाउंडर कुशल भाग्या का कहना है कि eVTOL जैसे स्टार्टअप्स अगर सही तरीके से स्केल करें, तो हवाई सफर की लागत 50 से 80% तक घट सकती है। इससे 50 करोड़ भारतीय पहली बार उड़ान भरने का अनुभव ले सकते हैं।
