Joint Home Loan: घर खरीदने के लिए ले रहे हैं ज्वाइंट होम लोन? जान लें इसके फायदे और नुकसान

Joint home loan benefits and disadvantage
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ज्वाइंट होम लोन लेने के फायदे और नुकसान।

Joint Home Loan: ज्यादातर मामलों में दंपती ज्वाइंट होम लेना पसंद करते हैं। जानते हैं साझा होम लोन लेने से क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।

Joint Home Loan: घर खरीदना ज्यादातर लोगों का सबसे बड़ा सपना होता है और इस सपने को पूरा करने के लिए होम लोन का सहारा लेना आम बात है। आजकल कई लोग होम लोन सिंगल की बजाय ज्वाइंट लेना पसंद करते हैं, यानी पति-पत्नी, माता-पिता या भाई-बहन मिलकर आवेदन करते हैं। ज्वाइंट लोन की प्रक्रिया सरल है और इसमें कुछ खास फायदे भी मिलते हैं।

हालांकि, ज्वाइंट होम लोन के साथ कुछ जोखिम भी जुड़े होते हैं, खासकर तब जब लोन चुकाने की जिम्मेदारी स्पष्ट न हो। इसलिए जरूरी है कि ज्वाइंट लोन लेने से पहले उसके सभी पहलुओं को समझ लिया जाए – फायदे भी और नुकसान भी।

ज्वाइंट होम लोन के फायदे

1. ज्यादा लोन मिलने की संभावना:

जब दो लोग मिलकर लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो दोनों की इनकम जोड़ी जाती है। इससे लोन अमाउंट ज्यादा मिल सकता है और बेहतर प्रॉपर्टी खरीदने का विकल्प खुलता है।

2. टैक्स में डबल छूट:

दोनों अप्लिकेंट्स को टैक्स में छूट मिलती है। 80C के तहत प्रिंसिपल और 24(b) के तहत ब्याज पर अलग-अलग छूट का फायदा दोनों को मिलता है।

3. लोन अप्रूवल आसान:

दोनों की क्रेडिट हिस्ट्री, नौकरी की स्थिरता और इनकम देखकर बैंक जल्दी लोन अप्रूव करता है, जिससे प्रक्रिया तेज और आसान हो जाती है।

4. EMI में सहयोग:

अगर एक व्यक्ति की EMI चुकाने में परेशानी होती है तो दूसरा उसे सपोर्ट कर सकता है। इससे लोन डिफॉल्ट का खतरा कम होता है।

5. महिला को-अप्लिकेंट को छूट:

अगर पत्नी को-अप्लिकेंट हो और प्रॉपर्टी उसके नाम पर हो, तो कई बैंकों में ब्याज दरों में 0.05% तक की छूट मिलती है।

ज्वाइंट होम लोन के नुकसान


1. जिम्मेदारी साझा, पर बराबर दबाव:

अगर किसी एक की नौकरी चली जाती है या उसकी इनकम रुक जाती है, तो पूरा दबाव दूसरे पर आ जाता है।

2. क्रेडिट स्कोर पर असर:

अगर EMI समय पर नहीं भरी गई तो दोनों का CIBIL स्कोर खराब होगा। भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।

3. संबंध बिगड़ने पर जटिलता:

तलाक या पारिवारिक विवाद होने पर लोन चुकाने और प्रॉपर्टी के हक को लेकर कानूनी दिक्कतें आ सकती हैं।

4. सभी डॉक्यूमेंट में दोनों का नाम जरूरी:

प्रॉपर्टी के दस्तावेज, रजिस्ट्री और बैंक फॉर्म में दोनों का नाम होना जरूरी होता है। यह प्रक्रिया जटिल हो सकती है।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है. हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से परामर्श जरूर लें।)

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