जन धन बैंक खाता: योजना के 10 साल पूरे, फिर करानी होगी KYC, आरबीआई ने दिए निर्देश

जनधन खाते का दोबारा केवाईसी कराया जाएगा। (Image-AI)
Jan Dhan Bank Account KYC: केंद्र सरकार ने ठीक दस साल पहले सरकारी योजनाओं का लाभ हर किसी को खाते में मिले, इसे लेकर जन धन बैंक खाता खुलवाने की स्कीम शुरू की थी। इस योजना को दस साल पूरे हो चुके हैं। इसी के साथ आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंकों को अब दोबारा जन धन खातों की केवाईसी करने के निर्देश दे दिए हैं।
बता दें कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति को मिल सके। इसके लिए जन धन खाते खुलवाए गए थे। दोबारा केवाईसी से एक्टिव खातों की एक बार फिर सही स्थिति का पता लग सकेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने आम जनता की बैंकिंग सुविधा को और बेहतर बनाने के लिए तीन बड़े बदलावों की घोषणा की है। ये बदलाव खासतौर पर जन-धन खाताधारकों, मृत खाताधारकों के परिजनों और सरकारी बॉन्ड्स में निवेश करने वाले लोगों से संबंधित हैं।
जन-धन खातों के लिए री केवाईसी जरूरी
जन-धन योजना के 10 साल पूरे हो चुके हैं। जिन खातों को 2014-15 में खोला गया था, उनमें अब री केवाईसी की जरूरत है क्योंकि उनकी वैधता पूरी हो चुकी है। आरबीआई के निर्देश पर 1 जुलाई से 30 सितंबर तक ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे।
मृत खाताधारकों के क्लेम के लिए एक जैसी प्रक्रिया
अब तक अलग-अलग बैंकों के मृत खाताधारकों के क्लेम प्रोसेस अलग-अलग थे, इससे मृतक की फैमिली को परेशानी होती थी। आरबीआई अब इस व्यवस्था में एकरूपता लाने जा रहा है।
सरकारी बॉन्ड्स में ऑटो-बिडिंग फीचर
आरबीआई ने अपने रिटेल डायरेक्ट पोर्टल पर ऑटो बिडिंग फीचर लॉन्च किया है, जिससे अब रिटेल इन्वेस्टर्स टी-बिल्स यानी ट्रेजरी बिल्स में अपने निवेश को ऑटोमेटिक सेट कर सकेंगे।
इसे एक बार सेट करने के बाद हर बार मैन्युअली बोली लगाने की आवश्कता नहीं पड़ेगी। यह फीचर उन निवेशकों के लिए बेहद मददगार है जो नियमित रूप से सरकारी बॉन्ड्स में निवेश करते हैं और दोबारा निवेश करना चाहते हैं।
