‘डार्क पैटर्न’ पर सरकार सख्त: ‘ऑफर हैंडलिंग चार्ज’ से ‘COD फीस’ तक, अब नहीं चलेगी ई-कॉमर्स की चालबाजी; यहां करें शिकायत

जागृति ऐप से करें शिकायत! ई-कॉमर्स कंपनियों के डार्क पैटर्न पर सरकार कसेगी नकेल।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने COD पर लगे छिपे शुल्क को ‘डार्क पैटर्न’ बताते हुए सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। अगर आपको भी “ऑफर हैंडलिंग शुल्क” या “भुगतान हैंडलिंग शुल्क” जैसे अस्पष्ट चार्ज दिखाई दे रहे हैं, तो अब ग्राहक सीधे जागृति ऐप पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। सरकार इस तरह की चालबाजियों पर कठोर कदम उठाएगी।
The Department of Consumer Affairs has received complaints against e-commerce platforms charging extra for Cash-on-Delivery, a practice classified as a dark pattern that misleads and exploits consumers.
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) October 3, 2025
A detailed investigation has been initiated and steps are being taken to… https://t.co/gEf5WClXJX
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हाल ही में एक ट्वीट में ऐसी प्रथाओं को 'डार्क पैटर्न' बताया, जो उपभोक्ताओं को गुमराह और शोषण करती हैं। उन्होंने भारत के तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स क्षेत्र में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया है। यह मामला तब सामने आया जब कई उपभोक्ताओं ने प्रीपेड तरीकों के बजाय सीओडी विकल्प चुनने पर अतिरिक्त शुल्क वसूले जाने की सूचना दी।
उपयोगकर्ता ने अनुभव किया था शेयर
एक एक्स उपयोगकर्ता ने एक लोकप्रिय ई-कॉमर्स फर्म के साथ अपने अनुभव को साझा किया, जहां उसे "ऑफर हैंडलिंग शुल्क", "भुगतान हैंडलिंग शुल्क" और "प्रोटेक्ट प्रॉमिस शुल्क" जैसे अस्पष्ट मदों के तहत 226 रुपये का बिल भेजा गया। उपयोगकर्ता ने इन शुल्कों की व्यंग्यात्मक आलोचना की और इनकी तुलना जोमैटो, स्विगी और जेप्टो जैसे फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर लगने वाले "रेन शुल्क" जैसे अन्य शुल्कों से की। ऐसी चिंताओं के जवाब में, जोशी ने शुक्रवार को ट्वीट किया और जोर देकर कहा कि इन प्रथाओं की जांच की जाएगी और उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डार्क पैटर्न क्या हैं?
डार्क पैटर्न, कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं की पूरी जानकारी के बिना उनसे पैसे या डेटा निकालने के लिए अपनाई जाने वाली चालाकी भरी डिज़ाइन रणनीतियों को कहते हैं। इनमें भ्रामक संकेत शामिल हैं, जैसे झूठी कमी दिखाना ("सिर्फ़ एक या दो सामान बचे हैं"), ऑफ़र के लिए नकली काउंटडाउन टाइमर सेट करना, या चेकआउट प्रक्रियाओं में छिपे भ्रामक, ध्यान देने में मुश्किल शुल्क का इस्तेमाल करना। अस्पष्ट शुल्क नामों के तहत COD जैसी भुगतान विधियों के लिए अतिरिक्त शुल्क लेना इन अनैतिक प्रथाओं का एक प्रमुख उदाहरण है।
शिकायत दर्ज कराने की सुविधा
सरकार पहले भी ई-कॉमर्स कंपनियों से संपर्क कर चुकी है और उनसे इस तरह के भ्रामक व्यवहार को रोकने का आग्रह कर चुकी है और इन पर अंकुश लगाने के लिए नए कानून पर सक्रिय रूप से काम कर रही है। उपभोक्ताओं को जागृति ऐप के माध्यम से इन उल्लंघनों की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जो अनुचित व्यापार प्रथाओं के बारे में शिकायत दर्ज करने की सुविधा प्रदान करता है।
